भागवत ने नागपुर में एक शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद एक समारोह में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं का मूल कारण मानव स्वभाव की 5 या 6 प्रवृत्तियां हैं। आरएसएस प्रमुख ने कहा, मनुष्य की कट्टरता क्रोध और घृणा पैदा करती है, जिससे झगड़े और युद्ध होते हैं।
ALSO READ: Mohan Bhagwat : सोने की चिड़िया की नहीं, भारत को अब शेर बनने का समय आ गया, केरल में ऐसा क्यों बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत
उन्होंने कहा कि इन प्रवृत्तियों को बदलने के लिए भगवान शिव की भक्ति करनी चाहिए। भागवत ने कहा कि व्यक्ति को विनम्रता का जीवन अपनाना चाहिए और अपने लिए चीजें हासिल करने की इच्छा रखे बिना सभी के प्रति दया का भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी पवित्र जीवनशैली की ओर प्रतिदिन एक कदम बढ़ाना ही शिव के प्रति सच्ची भक्ति है।
ALSO READ: मोहन भागवत के बयान से उठा सवाल, क्या राजनीति में राजनेताओं के रिटायरमेंट की हो सीमा?
भागवत ने कहा कि दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही है और अगर मनुष्य ने उचित कदम नहीं उठाए, तो इसका विनाश हो जाएगा, लेकिन अगर वे सही कदम उठाएंगे, तो मानवता का एक नया उन्नत रूप उभरकर सामने आएगा। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि मानवता के ऐसे उन्नत स्वरूप के उद्भव के लिए भारत को विश्व का नेतृत्व करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में विश्वभर के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की शक्ति है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
You may also like
इजरायल गाजा पर शासन करना नहीं चाहता, बस हमास को खत्म करना उद्देश्य: पीएम नेतन्याहू
शूटिंग के अंतिम चरण में 'मस्ती 4', मिलाप जावेरी ने टीम को कहा 'धन्यवाद'
सीएम धामी ने उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की, बोले- युद्धस्तर पर जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
Russia-India: NSA डोभाल और पुतिन के बीच हुई मुलाकात, रणनीतिक और आर्थिक सहयोग पर हुई बात
पुतिन और ट्रंप के बीच अगले सप्ताह हो सकती है मुलाकात, अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले ही दिए थे संकेत