गौरतलब है कि सपा कार्यालय के सामने एक विवादित पोस्टर लगा था, पोस्टर में आधा चेहरा संविधान निर्माता बाबा भीमराव आंबेडकर का था और आधा चेहरा सपा प्रमुख अखिलेश यादव का। इस पोस्टर पर राजनीति गरमाते हुए देखकर अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा कि पोस्टर लगाने वाले लोहिया वाहिनी के जिला अध्यक्ष लालचंद गौतम से बातचीत की जाएगी और उन्हें समझाया जाएगा कि किसी महापुरुष की छवियों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसका राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव अच्छा नहीं होता है। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का सम्मान करना इसलिए जरूरी है क्योंकि वह संविधान निर्माता हैं, सबको समानता और समरसता से जीने का अधिकार दिया है। उन्होंने भरोसा जताया कि लालचंद इस विषय को समझेंगे और भविष्य में अधिक जिम्मेदार तरीके से कार्य करेंगे।
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इस पोस्टर पर गोंडा के सपा नेता लालचंद गौतम ने कहा है कि यह पोस्टर उनके द्वारा ही लगवाया गया है। वह पोस्टर के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोहिया वाहिनी यूथ विंग के प्रदेश सचिव होने के नाते अपनी भावनाओं को प्रदर्शित किया है, अखिलेश यादव को वह भगवान की तरह देखते हैं। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान बनाया, जीने का अधिकार दिया लेकिन भाजपा उस संविधान को खत्म करना चाहती है।
वहीं बहुजन हिताय की रक्षा के लिए अखिलेश यादव मसीहा हैं, इसलिए मैंने पोस्टर के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। लालचंद गौतम को लखनऊ में अखिलेश यादव ने बुलाया है। आने वाले कल में वह सपा अध्यक्ष अखिलेश के सामने पेश होंगे, उन्होंने कहा है कि यदि मुझसे कोई गलती हुई है तो उसका सुधार करूंगा, भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो।
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अखिलेश यादव ने बलिया में कहा कि पहलगाम की घटना दुखद है। अग्निवीर योजना को तुरंत खत्म कर देना चाहिए। आज देश की सेना में बड़े पैमाने पर भर्ती की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने रूस-यूक्रेन युद्ध देखा है, जिसमें लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ी। अगर भारत पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहता है और ठोस कदम उठाना चाहता है, तो पूरी तैयारी के साथ कदम उठाना होगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान समय में जब भारत इकानॉमिक कॉरिडोर बना रहा है, तब ऐसे में सोचने की जरूरत है कि क्या पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति में चीन उसके साथ खड़ा नहीं होगा। वॉर अलग-अलग परिस्थितियां पैदा करता है, इसलिए बिना सोचे-समझे कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। बलिया दौरे के दौरान अखिलेश यादव ने स्पष्ट रूप से एक बार फिर यह संकेत दिया कि समाजवादी पार्टी जमीनी मुद्दों पर फोकस करना चाहती है।
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