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क्या पहलगाम आतंकी हमले के पीछे है पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की साजिश?

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया है। इस हमले में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया, और धर्म के आधार पर हिंसा की खबरें सामने आई हैं। लेकिन इस हमले के तार पाकिस्तान की ओर इशारा कर रहे हैं, खासकर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की ओर। कुछ ही दिन पहले मुनीर ने कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिए थे, जिसमें उन्होंने कश्मीर को लेकर विवादित दावे किए और हिंदुओं के खिलाफ नफरत भड़काने की बात कही। क्या यह हमला उनकी उकसावे की नीति का नतीजा है?

असीम मुनीर का विवादित बयान

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में एक सार्वजनिक मंच पर कश्मीर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। उन्होंने न केवल कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताया, बल्कि ‘टू नेशन थ्योरी’ का हवाला देकर मुस्लिम समुदाय को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने की कोशिश की। उनके इस बयान की भारत ने कड़ी निंदा की थी। विदेश मंत्रालय ने इसे पाकिस्तान की घृणा फैलाने वाली नीति का हिस्सा करार दिया। लेकिन मुनीर के बयान के कुछ ही दिनों बाद पहलगाम में आतंकी हमला होना संयोग मात्र नहीं माना जा रहा।

पहलगाम हमले की दर्दनाक सच्चाईक्या है मुनीर और हमले का कनेक्शन?

पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है, एक बार फिर आतंक की चपेट में आ गया। हमलावरों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाया, और खबरों के मुताबिक, हमले में धर्म को आधार बनाकर हिंसा की गई। इस हमले ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी और पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ा। सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह हमला पाकिस्तान की ओर से सुनियोजित साजिश का हिस्सा था?

सोशल मीडिया और कुछ विश्लेषकों का मानना है कि असीम मुनीर के भड़काऊ बयानों और पहलगाम हमले के बीच गहरा संबंध हो सकता है। उनके बयान को आतंकवादी संगठनों के लिए एक तरह का प्रोत्साहन माना जा रहा है। पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई पर पहले भी भारत में आतंक फैलाने के आरोप लगते रहे हैं। क्या मुनीर का बयान आतंकवादियों को उकसाने का एक सुनियोजित कदम था? जांच एजेंसियां इस दिशा में गहन छानबीन कर रही हैं, और जल्द ही इस मामले में नए खुलासे हो सकते हैं।

भारत की प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीति

भारत ने मुनीर के बयान को सिरे से खारिज करते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की नापाक हरकतों को उजागर करने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और पाकिस्तान के दावों का कोई आधार नहीं है। साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है।

पहलगाम हमला और असीम मुनीर के बयान ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पाकिस्तान की नीतियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बनी हुई हैं। भारत को न केवल आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की जरूरत है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस मुद्दे पर एकजुट करना होगा। आम नागरिकों को भी सतर्क रहने और अफवाहों से बचने की सलाह दी जा रही है। क्या हम एक बार फिर शांति और समृद्धि की ओर बढ़ पाएंगे? यह समय की मांग है कि हम एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ें।

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