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आपदा की मुश्किलें भी नहीं तोड़ पाईं प्रशासन की हिम्मत: DM की मेहनत ने जीता दिल

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देहरादून: उत्तराखंड में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने कई इलाकों को तबाह कर दिया, लेकिन देहरादून के जिलाधिकारी (DM) ने हार नहीं मानी। नदियां, गदेरे और टूटी सड़कों को पार करते हुए DM आपदा प्रभावित गांवों तक पहुंचे। फुलेत गांव के लोगों ने कहा, “आजादी के बाद पहली बार कोई DM हमारे गांव आया।” उनकी इस मेहनत ने ग्रामीणों का दिल जीत लिया।

आपदा ने तोड़ा संपर्क, प्रशासन ने बनाया रास्ता

उत्तराखंड, खासकर देहरादून जिला, इन दिनों भयंकर आपदा से जूझ रहा है। कार्लीगाड, मजाड़, सहस्त्रधारा, मालदेवता, फुलेत, छमरोली, सिल्ला, सिमयारी, सिरोना और क्यारा जैसे गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया। सड़कें धंस गईं, पुल बह गए, और इन गांवों तक पहुंचना नामुमकिन हो गया। लेकिन DM ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने न सिर्फ राहत कार्यों को तेज किया, बल्कि खुद मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।

DM का जज्बा: हेलीकॉप्टर छोड़ा, पैदल चले

फुलेत, छमरोली, सिल्ला, क्यारा और सिमयारी जैसे गांवों में सड़कों के धंसने से रास्ते बंद हो गए थे। इन गांवों तक जरूरी सामान हेलीकॉप्टर से पहुंचाया जा रहा था। लेकिन DM ने हेलीकॉप्टर का रास्ता छोड़कर मुश्किल भरे रास्तों को चुना। उन्होंने मालदेवता से सेरकी-सिल्ला और भैंसवाड़ तक की कठिन सड़कों पर पैदल यात्रा की। करीब 12 किलोमीटर तक गांव-गांव, खेत-खलिहानों में घूमकर उन्होंने नुकसान का जायजा लिया। ग्रामीणों ने बताया कि DM का यह कदम देखकर उन्हें उम्मीद जगी कि प्रशासन उनके साथ है।

राहत और मुआवजे का इंतजाम

DM ने न सिर्फ नुकसान का आकलन किया, बल्कि राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के लिए तहसीलदार, BDO और संबंधित विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी। इन अधिकारियों को आदेश दिए गए कि वे तब तक आपदा प्रभावित इलाकों में रहें, जब तक नुकसान का पूरा आकलन और मुआवजा वितरण न हो जाए। DM खुद इन कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि कोई भी प्रभावित व्यक्ति मदद से वंचित न रहे।

मसूरी में भी सुधरे हालात

मसूरी में संपर्क मार्ग खोलने और मालदेवता में वाशआउट सड़कों को ठीक करने का काम भी तेजी से हुआ। DM ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जनजीवन को जल्द से जल्द सामान्य किया जाए। जिला प्रशासन युद्धस्तर पर काम कर रहा है, ताकि लोग फिर से अपने रोजमर्रा के काम शुरू कर सकें।

फुलेत और आसपास के गांवों के लोगों ने DM की इस मेहनत की जमकर तारीफ की। उनकी यह कोशिश न सिर्फ राहत कार्यों को गति दे रही है, बल्कि लोगों में विश्वास भी जगा रही है कि मुश्किल वक्त में प्रशासन उनके साथ खड़ा है।

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