उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बार फिर आस्था और विश्वास का दुरुपयोग कर एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहाँ के सचेंडी थाना क्षेत्र के उदयपुर गाँव में एक तथाकथित तांत्रिक ने झाड़-फूंक के बहाने एक नवविवाहिता के साथ दुष्कर्म किया। इस घटना ने न केवल पीड़िता के जीवन को झकझोर दिया, बल्कि समाज में अंधविश्वास और तांत्रिकों के नाम पर होने वाले अपराधों पर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है। आइए, इस घटना के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।
बीमारी के बहाने शुरू हुआ अंधविश्वास का खेलकानपुर के उदयपुर गाँव में रहने वाली एक नवविवाहिता, जिसकी शादी 5 मई 2025 को हुई थी, अपनी ससुराल आने के बाद से ही अस्वस्थ थी। उसे बार-बार खांसी, जुकाम और बुखार की शिकायत रहती थी। परिवार ने उसका इलाज कई जगह करवाया, दवाइयाँ दीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इस स्थिति में परिवार की चिंता बढ़ने लगी। इसी बीच, गाँव के एक व्यक्ति ने सुझाव दिया कि यह बीमारी भूत-प्रेत की बाधा हो सकती है और इसके लिए तांत्रिक की मदद लेनी चाहिए। परिवार, जो पहले से ही परेशान था, ने इस सलाह को मान लिया और तांत्रिक बृजेश यादव को अपने घर बुलाया।
तांत्रिक का छल: झाड़-फूंक के नाम पर दुष्कर्म15 जुलाई 2025 को तांत्रिक बृजेश यादव पीड़िता के घर पहुँचा। उसने पहले घर के बरामदे में हवन-पूजन का दिखावा किया। फिर, उसने लाल और काले कपड़े में नारियल बाँधकर महिला को नहाने के लिए कहा। इसके बाद, तांत्रिक ने दावा किया कि उसे बंद कमरे में "शुद्धिकरण" करना होगा। उसने महिला को एक लाल रंग का तरल पदार्थ सूँघने को कहा, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद, तांत्रिक ने उसका शारीरिक शोषण किया। होश में आने पर जब पीड़िता ने विरोध किया, तो तांत्रिक ने उसे धमकाया कि अगर उसने किसी को बताया, तो उसकी शादीशुदा जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।
पीड़िता की हिम्मत और पुलिस की कार्रवाईइस दर्दनाक घटना के बावजूद, पीड़िता ने हिम्मत दिखाई और अपने परिवार के साथ 20 जुलाई 2025 को सचेंडी थाने पहुँचकर तहरीर दी। उसने पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी, जिसके आधार पर तांत्रिक बृजेश यादव के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। पनकी के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) शिखर ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जाँच जारी है, और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
अंधविश्वास का दंश: समाज के लिए सबकयह घटना केवल एक अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में गहरे पैठे अंधविश्वास और तांत्रिकों के दुरुपयोग को उजागर करती है। लोग अक्सर बीमारी या मुश्किलों के समाधान के लिए वैज्ञानिक उपचार के बजाय तांत्रिकों और झाड़-फूंक पर भरोसा करते हैं। इस तरह की घटनाएँ हमें सिखाती हैं कि शिक्षा और जागरूकता ही अंधविश्वास को खत्म करने का रास्ता है। सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए, ताकि लोग वैज्ञानिक सोच अपनाएँ और इस तरह के अपराधों से बच सकें।
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