Gajendra Phogat Song Ban: हरियाणा में इन दिनों गन कल्चर के खिलाफ एक बड़ी मुहिम छिड़ी हुई है। सैनी सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, और इसी कड़ी में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मशहूर हरियाणवी गायक और सरकार में अहम पद पर बैठे गजेंद्र फोगाट का एक गाना अब बैन हो गया है।
जी हां, हरियाणा पुलिस की साइबर सेल ने यूट्यूब पर उनके गाने ‘तड़कै पावेगी लाश नहर में’ पर ताला जड़ दिया है। यह खबर न सिर्फ फोगाट के प्रशंसकों के लिए बल्कि पूरे हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा झटका लेकर आई है।
कौन हैं गजेंद्र फोगाट और क्यों है चर्चा में उनका गाना?
गजेंद्र फोगाट कोई आम सिंगर नहीं हैं। वह हरियाणवी संगीत की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम तो हैं ही, साथ ही हरियाणा सरकार में पब्लिसिटी सेल के चेयरमैन और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) भी हैं। ऐसे में उनके गाने का बैन होना अपने आप में हैरान करने वाला है।
यह गाना, जिसे अमित सैनी रोहतकिया ने लिखा था, 20 सितंबर 2020 को यूट्यूब पर रिलीज हुआ था। रिलीज के बाद से अब तक इसने 25 लाख से ज्यादा व्यूज बटोर लिए थे। लेकिन गन कल्चर को बढ़ावा देने के आरोप में इसे अब हटा दिया गया है। फोगाट के लिए यह न सिर्फ एक पेशेवर नुकसान है, बल्कि उनकी छवि पर भी सवाल उठा रहा है।
गन कल्चर के खिलाफ हरियाणा सरकार का अभियान
हरियाणा में गन कल्चर को जड़ से खत्म करने की कोशिश तेज हो गई है। सैनी सरकार ने इस दिशा में पहले भी कई कदम उठाए हैं। अभी तक 30 से ज्यादा गानों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, जिनमें मासूम शर्मा और अमित सैनी रोहतकिया जैसे बड़े सिंगर्स के गाने भी शामिल हैं। इन गानों पर आरोप है कि ये हिंसा और हथियारों को ग्लैमराइज करते हैं, जो युवाओं के लिए गलत संदेश देते हैं। सरकार का मानना है कि ऐसे गीत समाज में अशांति फैलाने का काम करते हैं, और इन पर रोक लगाना जरूरी है।
मासूम शर्मा का फोगाट पर निशाना
इस कहानी में एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब मासूम शर्मा ने गजेंद्र फोगाट पर उंगली उठाई। मासूम ने पहले आरोप लगाया था कि फोगाट ने उनके गानों को बैन करवाने में भूमिका निभाई थी। लेकिन अब जब फोगाट का खुद का गाना बैन हो गया, तो मासूम ने तंज कसते हुए कहा था, “सरकार को उनके गाने भी बैन करने चाहिए।” यह विवाद हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री में एक नई बहस छेड़ गया है कि आखिर गन कल्चर को लेकर नियम सबके लिए बराबर क्यों नहीं हैं?
क्या कहते हैं लोग और आगे क्या होगा?
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग सरकार के इस कदम को सही ठहरा रहे हैं तो कुछ इसे हरियाणवी संस्कृति और कला पर हमला बता रहे हैं। गजेंद्र फोगाट के फैंस इसे उनके करियर पर धब्बा मान रहे हैं, वहीं जानकारों का कहना है कि सरकार का यह अभियान अभी और सख्त हो सकता है।
सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या सिर्फ गानों पर बैन लगाने से गन कल्चर खत्म हो जाएगा, या इसके लिए समाज में जागरूकता और बड़े बदलाव की जरूरत है? फिलहाल, यह मामला हरियाणा की सियासत और संगीत दोनों में हलचल मचाए हुए है।
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