उत्तर प्रदेश के किशनी क्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां एक शादी समारोह में छोटी सी बात ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया। शुक्रवार की रात, कछपुरा गांव के रमेश चंद्र कठेरिया के बेटे शिशुपाल की बारात किशनी के एक गांव में पहुंची थी। बारातियों का स्वागत जोर-शोर से हुआ, और हंसी-खुशी के माहौल में वरमाला की रस्म पूरी हुई। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया। खाने की मेज पर एक छोटी सी गलतफहमी ने दूल्हे को इतना नाराज कर दिया कि उसने न सिर्फ खाना छोड़ दिया, बल्कि दुल्हन पक्ष के एक युवक पर हाथ तक उठा लिया। इस घटना ने शादी की खुशियों को मातम में बदल दिया।
दुल्हन का साहसिक फैसलादूल्हे की इस हरकत से नाराज दुल्हन और उसके पिता ने शादी से साफ इंकार कर दिया। दुल्हन ने न सिर्फ शादी तोड़ने का फैसला किया, बल्कि दूल्हे द्वारा दिया गया फोन भी लौटा दिया। उसने साफ कहा, “तुमने मेरे पिता का अपमान किया है, अब यह रिश्ता नहीं हो सकता।” रातभर चली पंचायत और थाने में लंबी बातचीत के बावजूद कोई सहमति नहीं बन सकी। दुल्हन के पिता ने शादी के खर्चों की सूची दूल्हे के परिवार को सौंप दी और साफ कर दिया कि वह इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाएंगे। आखिरकार, बारात को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा।
प्यार की शुरुआत, लेकिन अंत दुखदयह मामला और भी दिलचस्प हो जाता है जब पता चलता है कि शादी तय होने के बाद दूल्हा और दुल्हन पिछले दस महीनों से फोन पर बात कर रहे थे। दूल्हे ने दुल्हन को फोन तक खरीदकर दिया था, जिससे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी थीं। लेकिन शादी के दिन दूल्हे की एक गलती ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। थाने में दूल्हा रोता रहा और अपनी गलती के लिए माफी मांगता रहा, लेकिन दुल्हन और उसके परिवार का दिल नहीं पसीजा। किशनी थाना प्रभारी ललित भाटी ने बताया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन समझौते के बाद तहरीर वापस ले ली गई।
समाज में चर्चा का विषययह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस बात पर हैरान हैं कि एक छोटी सी बात कैसे इतने बड़े रिश्ते को तोड़ सकती है। दुल्हन के साहस और आत्मसम्मान की लोग तारीफ कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग दूल्हे की गलती को माफ करने की बात भी कह रहे हैं। यह घटना हमें यह सिखाती है कि रिश्तों में सम्मान और समझदारी कितनी जरूरी है। एक पल की गलती न सिर्फ रिश्तों को तोड़ सकती है, बल्कि परिवारों के बीच तनाव का कारण भी बन सकती है।
You may also like
महाराष्ट्र में ठाकरे बंधुओं की 'भाषाई एकता', MK स्टालिन बोले – 'हिंदी थोपना मंजूर नहीं' देश भर में उठी क्षेत्रीय भाषाओं की आवाज़
वासुदेव द्वादशी: भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का विशेष दिन, जानें पूजा की विधि
एलन मस्क ने दिया डोनाल्ड ट्रंप को झटका, नए राजनीतिक दल का किया ऐलान
बिहार के डीजीपी विनय कुमार का दावा, 'गोपाल खेमका की हत्या के पीछे का सच जल्द आएगा सामने'
'भाषा जोड़ती है, तोड़ती नहीं' — महाराष्ट्र भाषा विवाद पर भावुक हुए कुमार विश्वास, बोले- 'मां हिंदी है और बाकी सब मेरी मौसियां'