Gold and Silver Rate: 10 जुलाई 2025 को भारत में सोने की कीमतों में भारी उछाल देखा गया, जिसने निवेशकों और खरीदारों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। यह तेजी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले के बाद आई, जिसमें उन्होंने 75 से अधिक देशों पर लगने वाले टैरिफ में 90 दिनों की देरी की घोषणा की।
इस निर्णय ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर मुड़े। नतीजतन, सोने की मांग में इजाफा हुआ और इसके दाम आसमान छूने लगे। पिछले कुछ हफ्तों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर चला, लेकिन अब 24 कैरेट सोने की कीमत में प्रति 100 ग्राम 2,200 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
शहरों में सोने के दामों का हाल
देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर, और हैदराबाद में सोने की कीमतों में यह बढ़ोतरी साफ दिखाई दे रही है। उदाहरण के लिए, दिल्ली और जयपुर में 24 कैरेट सोने का भाव 9,856 रुपये प्रति ग्राम तक पहुंच गया, जबकि चेन्नई, मुंबई, और कोलकाता में यह 9,841 रुपये प्रति ग्राम रहा।
इसी तरह, 22 कैरेट सोने की कीमत भी 9,021 से 9,036 रुपये प्रति ग्राम के बीच रही, और 18 कैरेट सोना 7,381 से 7,441 रुपये प्रति ग्राम के दायरे में रहा। यह बढ़ोतरी न केवल बड़े शहरों तक सीमित रही, बल्कि पुणे, वडोदरा, अहमदाबाद, लखनऊ, और कोयंबटूर जैसे शहरों में भी देखी गई।
चांदी की चमक भी बढ़ी
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला है, हालांकि यह बढ़ोतरी सोने की तुलना में धीमी रही। चेन्नई, कोयंबटूर, और मदुरै जैसे शहरों में चांदी का रेट 1,20,100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और बैंगलोर में यह 1,09,900 रुपये प्रति किलोग्राम रहा। हैदराबाद और केरल में चांदी की कीमत 1,19,900 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई। यह बदलाव बाजार की मांग और आपूर्ति के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का परिणाम है।
निवेशकों के लिए क्या मायने?
वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के बीच सोना और चांदी हमेशा से निवेशकों की पहली पसंद रहे हैं। ट्रंप के टैरिफ फैसले ने बाजारों में अस्थिरता बढ़ाई, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर आकर्षित हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उछाल अल्पकालिक हो सकता है, लेकिन अगर वैश्विक बाजारों में हलचल बरकरार रही, तो कीमतों में और तेजी देखी जा सकती है। निवेश करने से पहले स्थानीय ज्वैलर्स से सटीक दामों की पुष्टि करना जरूरी है, क्योंकि इनमें जीएसटी, टीसीएस, और मेकिंग चार्ज जैसे अतिरिक्त शुल्क शामिल नहीं हैं।
बाजार का रुझान और भविष्य
पिछले कुछ महीनों में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बदलाव देखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक व्यापार नीतियों, मुद्रास्फीति, और अमेरिकी डॉलर की स्थिति जैसे कारक इन धातुओं की कीमतों को प्रभावित करते रहेंगे। भारत में त्योहारी सीजन नजदीक होने के कारण सोने और चांदी की मांग में और बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार के रुझानों पर नजर रखें और सोच-समझकर निवेश करें।
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