सहजन, जिसे मोरिंगा या ड्रमस्टिक के नाम से भी जाना जाता है, अपने पोषण गुणों के लिए मशहूर है। इसे सुपरफूड कहा जाता है, जो विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों के लिए इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है? आयुर्वेद और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर, हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन लोगों को सहजन से परहेज करना चाहिए और क्यों।
सहजन: एक पौष्टिक लेकिन सावधानी भरा आहार
सहजन की पत्तियां, फलियां, और बीज कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, पाचन को सुधारता है, और त्वचा व बालों को स्वस्थ रखता है। लेकिन हर चीज हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होती। आयुर्वेद के अनुसार, सहजन की तासीर गर्म होती है, जिसके कारण कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में इसका सेवन हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सहजन का अधिक या गलत समय पर सेवन पेट और अन्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
गर्भवती महिलाएं: सावधानी जरूरी
गर्भवती महिलाओं को सहजन का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। सहजन में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो गर्भाशय की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही सुझाव देते हैं कि गर्भावस्था के दौरान सहजन का अधिक सेवन जोखिम भरा हो सकता है। हालांकि, इसे पूरी तरह से नकारा नहीं गया है, लेकिन संयम और विशेषज्ञ की राय जरूरी है।
थायरॉइड के मरीज: सतर्क रहें
थायरॉइड की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी सहजन का सेवन सीमित करना चाहिए। सहजन में कुछ ऐसे यौगिक पाए जाते हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। विशेष रूप से, हाइपोथायरॉइडिज्म के रोगियों को इसका सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। अनियंत्रित सेवन से थायरॉइड हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है।
पेट की समस्या वाले लोग: बचाव है जरूरी
जिन लोगों को बार-बार अपच, गैस, या पेट में जलन की शिकायत रहती है, उन्हें सहजन से दूरी बनानी चाहिए। इसकी गर्म तासीर और भारी प्रकृति पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोगों को सहजन की जगह हल्के और सुपाच्य आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कम रक्तचाप के रोगी: जोखिम से बचें
सहजन में रक्तचाप को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं, जो सामान्य लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन जिन लोगों का रक्तचाप पहले से ही कम रहता है, उनके लिए यह नुकसानदायक हो सकता है। सहजन का अधिक सेवन चक्कर, थकान, या कमजोरी जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। ऐसे में, इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
सही तरीके से करें सेवन
सहजन का सेवन करते समय संयम बरतना जरूरी है। सामान्य लोगों के लिए इसे सप्ताह में दो से तीन बार, सीमित मात्रा में खाना सुरक्षित माना जाता है। इसे हमेशा अच्छे से पकाकर खाएं, क्योंकि कच्चा सहजन पेट के लिए भारी हो सकता है। साथ ही, अपने शरीर की स्थिति और स्वास्थ्य जरूरतों को समझकर ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें।
You may also like
बाबा साहब ने देश को संविधान दिया, लेकिन कांग्रेस ने सदैव उनका अपमान कियाः हितानंद
लोकबंधु अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग, इमरजेंसी सेवा हुई बाधित
भाजपा ने समरसता दिवस के रूप में मनाई बाबा साहब डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर की जयंती
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों में पीएम मोदी के खिलाफ भरी जाती है नफरत : एसपी वैद
हिमाचल दिवस से पहले लाहौल स्पीति पहुंचे कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी, एकलव्य विद्यालय का लिया जायजा