सहसपुर : देहरादून की सड़कों पर अपराध का खेल खेलने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं बची है। दून पुलिस ने एक बार फिर अपनी चौकस नजर और तेज कार्रवाई से नशे के सौदागरों को सबक सिखाया है। हाल ही में सहसपुर थाना पुलिस ने एक ऐसे शातिर नशा तस्कर को पकड़ा, जो फिल्मी स्टाइल में स्मैक की तस्करी कर रहा था।
इस अभियुक्त के पास से करीब 16 लाख रुपये कीमत की 51.45 ग्राम अवैध स्मैक बरामद हुई है। यह कार्रवाई न सिर्फ पुलिस की मुस्तैदी को दर्शाती है, बल्कि उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के मुख्यमंत्री के सपने को भी मजबूती देती है।
चावल के कट्टों में छुपा था नशे का साम्राज्य
यह नशा तस्कर कोई आम अपराधी नहीं था। उसने पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए अनोखा तरीका अपनाया था। सहारनपुर से देहरादून तक स्मैक की खेप पहुंचाने के लिए वह चावल के नए कट्टों का इस्तेमाल करता था। इन कट्टों में स्मैक को बड़ी चालाकी से छिपाया जाता था और टेप से निशान लगाकर बस के जरिए भेजा जाता था।
रास्ते में अपने साथियों को फोन पर जानकारी देकर वह माल को उतरवा लेता था। लेकिन इस बार उसकी सारी चालबाजी दून पुलिस की सतर्कता के आगे फेल हो गई। 4 अप्रैल 2025 को सभावाला मार्ग पर मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे धर दबोचा।
जेल से छूटकर फिर शुरू किया काला धंधा
पकड़े गए अभियुक्त का नाम भूरा है, जो विकासनगर के कुंजाग्रांट का रहने वाला है। 45 साल का यह शख्स कोई नया खिलाड़ी नहीं है। उसका अपराध का इतिहास लंबा है। इससे पहले भी वह नशा तस्करी के कई मामलों में जेल जा चुका है। देहरादून और सहारनपुर में उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कई मुकदमे दर्ज हैं। पूछताछ में उसने बताया कि वह मिर्जापुर के एक स्थानीय तस्कर से स्मैक खरीदता था और उसे नशे के आदी लोगों को ऊंचे दामों में बेचता था। पुलिस को उससे कुछ और तस्करों के नाम भी मिले हैं, जिनकी तलाश तेज कर दी गई है।
"ड्रग्स फ्री उत्तराखंड 2025" की ओर कदम
यह कार्रवाई उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री के "ड्रग्स फ्री उत्तराखंड 2025" के विजन का हिस्सा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि नशा तस्करों पर नकेल कसी जाए। इसी के तहत सहसपुर पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाया और इस बड़ी सफलता को हासिल किया। अभियुक्त के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/21/29 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि नशे के इस जाल को जड़ से उखाड़ने के लिए ऐसी कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी।
पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई
इस ऑपरेशन में सहसपुर थाना प्रभारी विकास रावत, चौकी प्रभारी धर्मावाला विवेक राठी और उनकी टीम के कांस्टेबल सचिन, मनदीप और अजीत की मेहनत शामिल थी। उनकी सजगता और समर्पण ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दून पुलिस अपराधियों के लिए काल बनकर सामने आती है। यह कार्रवाई आम लोगों के लिए भी राहत की बात है, क्योंकि नशे का यह जहर समाज को खोखला करने की साजिश रच रहा था।
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