प्रयागराज, 30 जून (Udaipur Kiran) । आधुनिक चिकित्सा के जमाने में लोगों का प्राकृतिक चिकित्सा से दूरी आम बीमारियों के लिए जिम्मेदार है। स्वस्थ व एक्सरसाइज कर फिट रहने वाली शेफाली जरीवाला का 42 की उम्र में ही हार्ट अटैक से निधन हो गया। इनके अतिरिक्त अब तक राजू श्रीवास्तव, सतीश कौशिक, सिद्धार्थ शुक्ला आदि जैसे अनेकों लोगों का हार्ट अटैक से निधन होना चिंता का विषय है।
यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने स्पर्श ध्यान कार्यक्रम सम्पन्न होने पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कही।
सोमवार काे उन्होंने कहा कि हमारे धार्मिक ग्रंथों में बहुत सी प्राकृतिक उपचार पद्धतियों का उल्लेख है। उनमें से किसी भी पद्धति को अपनाकर व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। उन्होंने कहा कि उनमें से स्पर्श ध्यान सबसे सरल और सुविधाजनक है। स्पर्श ध्यान बिना धन खर्च किए स्वस्थ रहने की सर्वोत्तम पद्धति है। भारत की अति प्राचीन पद्धति आयुर्वेद वात-पित्त-कफ को संतुलित करने पर ध्यान देती है और हमारे देश भारत की प्रकृति वात है। वात प्रकृति के अनुसार यहां रहने वाले लोगों को तेज दौड़ना, तेज व्यायाम करना बिल्कुल मना है। यहां ऐसे व्यायाम करें जिसमें पसीना न निकले, वायु न बढ़े। यहां के लोगों को धीरे-धीरे वाले व्यायाम करना चाहिए। यहां पर पसीना बहाना वर्जित है। जानकारी के अभाव में लोग फिट एवं चुस्त दुरुस्त दिखने के लिए एक्सरसाइज के माध्यम से ज्यादा पसीना बहाते हैं जो घातक है।
सतीश राय ने कहा कि आधुनिक शिक्षा ग्रहण कर लोग आधुनिक दिखाने के लिए सबसे ज्यादा भारतीय संस्कृति को ही कोसते हैं। भारतीय शिक्षण पद्धति जो दुनिया की सबसे श्रेष्ठ पद्धति थी, उसे चरणबद्ध तरीके से लुप्त की गई।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
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