–गोबर और गोमूत्र से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिला नया आधार
लखनऊ, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश, जो देश के 16 प्रतिशत पशुधन का घर है, गोवंश संरक्षण के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोवंश को न केवल संरक्षित किया है, बल्कि इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनाकर युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के अनगिनत अवसर सृजित किए हैं। गोबर और गोमूत्र से बने उत्पादों ने इस क्रांति को और गति दी है।
–योगी सरकार ने की क्रांतिकारी पहल
2017 में योगी आदित्यनाथ, जो स्वयं गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं और गायों के प्रति गहरा स्नेह रखते हैं, उनके नेतृत्व में सरकार बनने के बाद गोवंश संरक्षण को अत्यधिक प्राथमिकता मिली। 2 जनवरी 2019 को देश में पहली बार निराश्रित गोवंश संरक्षण नीति उत्तर प्रदेश में लागू की गई। आज प्रदेश में 7,717 गो-आश्रय स्थल हैं, जिनमें 12.52 लाख गोवंश संरक्षित हैं। इनके भरण-पोषण के लिए सरकार प्रतिदिन 50 रुपये प्रति गोवंश के हिसाब से 7.5 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। प्रत्येक वृहद गो-संरक्षण केंद्र के निर्माण पर 1.60 करोड़ रुपये निवेश किए जा रहे हैं।
–गोबर और गोमूत्र से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिला नया आधार
प्रदेश में प्रतिदिन 5,500 टन गोबर उत्पादित हो रहा है, जिसे वर्मी कम्पोस्ट, गमले, गोदीप, गोकाष्ठ, धूपबत्ती, पंचगव्य, जीवामृत और घनामृत जैसे उत्पादों में बदला जा रहा है। इन उत्पादों ने गोवंश को बेसहारा छोड़ने की प्रवृत्ति को कम किया है और पशुपालकों के लिए गोबर व गोमूत्र को आय का साधन बनाया है।
–अर्थव्यवस्था में क्या है गोवंश की भूमिका
उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी 25.63 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें पशुपालन क्षेत्र की हिस्सेदारी 1.67 लाख करोड़ रुपये है। राष्ट्रीय जीडीपी में पशुपालन का योगदान 4.11 प्रतिशत है, जबकि यूपी इस मामले 7.1 प्रतिशत के साथ काफी आगे है। यही नहीं प्रदेश में 390 लाख मीट्रिक टन दुग्ध उत्पादन हो रहा है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है।
–बड़े पैमाने पर हो रहा निवेश
गोवंश के कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देने के लिए 2024-25 में 3.08 लाख गर्भाधान नि:शुल्क किए गए हैं। पशुपालन अवसंरचना विकास निधि और नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के तहत 44 और 292 परियोजनाओं से क्रमशः 1,094.38 करोड़ और 144.29 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। वहीं यूपीजीआईएस 2023 के तहत 578 डेयरी और पशुपालन इकाइयों से 2,221.99 करोड़ रुपये का निवेश और 1.23 लाख रोजगार सृजित हो रहे हैं।
–युवाओं और महिलाओं के लिए खुले रोजगार के द्वार
योगी सरकार की योजनाएं ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को पशुपालन में उद्यमिता के अवसर प्रदान कर रही हैं। नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 25 दुधारू गोवंश की इकाइयां स्थापित की जा रही हैं, जिसमें 50 प्रतिशत महिलाओं को लाभ मिल रहा है। चारा नीति 2024 के तहत 230 हेक्टेयर भूमि पर नेपियर ग्रास का उत्पादन शुरू हुआ है, जिससे 1.73 लाख क्विंटल चारा उत्पादन का लक्ष्य है। 9,449.82 हेक्टेयर गोचर भूमि कब्जामुक्त कराई गई और 5,458.93 हेक्टेयर पर हरा चारा रोपा गया।
–सरकार चला रही व्यापक टीकाकरण अभियान
पशु पालन विभाग के अनुसार पशु स्वास्थ्य सेवाओं में 2017 के बाद अभूतपूर्व सुधार हुआ है। बीते आठ वर्षों में 2,202 पशु चिकित्सालयों के अतिरिक्त 39 नए चिकित्सालय और 2,575 पशु सेवा केंद्र स्थापित किए गए। 2024-25 में 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स ने 15.93 लाख पशुपालकों के 32.34 लाख पशुओं को चिकित्सा सुविधा दी। लम्पी स्किन डिजीज पर नियंत्रण के लिए 1.52 करोड़ टीकाकरण किए गए, जिससे गोवंश की मृत्यु दर देश में सबसे कम रही। 2024-25 में 1,648 लाख टीकाकरण का कार्य पूरा किया गया।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
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