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अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' का तीसरा संस्करण 25 सितंबर को पटना में होगा शुरू

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नई दिल्ली, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव ‘उन्मेष’ के तीसरे संस्करण का आयोजन इस बार 25 से 28 सितंबर तक बिहार के पटना स्थित सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में होगा।

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय और साहित्य अकादमी संयुक्त रूप से बिहार सरकार के सहयोग से कर रहे हैं। उन्हाेंने बताया कि इस चार दिवसीय उत्सव में देश-विदेश के 550 लेखक शामिल हाेंगे। इस दाैरान कुल 90 सत्राें में 100 भाषाओं का प्रतिनिधित्व हाेगा।

अग्रवाल ने बताया कि उत्सव में बिहार के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान, फिल्म अभिनेता अमोल पालेकर, जावेद अख़्तर, गिरीश कासरवल्ली, सोनल मानसिंह सहित देश में नियुक्त कुछ देशों के राजदूत एवं अनेक विशिष्ट व्यक्तित्वों की सहभागिता संभावित है। पिछले दो उत्सव क्रमशः 2022 में शिमला और 2023 में भोपाल में आयोजित किए गए थे।

उन्होंने बताया कि कविता एवं कहानी पाठ के अतिरिक्त उत्सव के कुछ अन्य महत्वपूर्ण सत्र हैं- साहित्य और अन्य कलाओं की साझी दुनिया, उत्तर-आधुनिक भारतीय साहित्य और सिनेमा, सोशल मीडिया एवं साहित्य, प्रवासन तथा आदिवासी समुदायों की पहचान का संकट, विदेशी भाषाओं में भारतीय साहित्य का प्रचार-प्रसार, सौंदर्यपरक भारतीय संवेदनाएं और भारतीय फिल्में, बिहार की साहित्यिक विरासत, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में साहित्य की भूमिका, भारतीय नाटकों में प्रवासन एवं विस्थापन आदि।

उत्सव में शामिल हो रहे कुछ अन्य लेखक, विद्वान एवं कलाकाराें में नवतेज सरना, प्रतिभा राय, अरुण कमल, विश्वास पाटील, जेरी पिंटो, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, कपिल कपूर, उदय नारायण सिंह, अनीसुर रहमान, सुबोध सरकार, शीन काफ़ निज़ाम, हरिवंश, भरत गुप्त, रामवचन राय, लक्ष्मण गायकवाड, अनामिका, ममंग दई, वामन केंद्रे, भानु भारती, एम.के. रैणा, शरण कुमार लिंबाले, हृषीकेश सुलभ, महादेव टोप्पो, होशांग मर्चेंट, कांजी पटेल, एचएस शिवप्रकाश, अभिराज राजेंद्र मिश्र, हरप्रसाद दास, अशोक चक्रधर, पी. शिवकामी, लिलिट दुबे, मालिनी अवस्थी आदि शामिल हैं।

इस दाैरान प्रतिदिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें ग्रेमी पुरस्कार से पृरस्कृत संगीतज्ञ रिकी केज़ की लाइव प्रस्तुति के साथ ही राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, संगीत नाटक अकादेमी एवं पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र की प्रस्तुतियाँ भी शामिल हाेगी।

संस्कृति मंत्रालय के सचिव अग्रवाल ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय दिल्ली के विज्ञान भवन में 11 से 13 सितंबर तक एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयाेजन करेगा जो ‘ज्ञान भारतम्’ के तहत पांडुलिपि धरोहर के माध्यम से देश की विरासत को पुनः जीवित करने का प्रयास है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्कृति मंत्रालय की अपर सचिव अमिता प्रसाद सरभाई, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी एवं साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव भी उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल

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