स्कूल, ऑफिस घर में रखें सफाई का विशेष ध्यान देकर बचे
विश्व सर्प दिवस 16 जुलाई विशेष
औरैया, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । बरसात के मौसम में खेतों या खाली पड़े प्लाटों में मिट्टी में बने बिलों में पानी भर जाने से विभिन्न प्रकार के छोटे बड़े सर्प अपने बिलों को छोड़कर बाहर आ जाते हैं। इस दाैरान अपने भोजन और जान बचाने की जुगाड़ में सुरक्षित ठिकाने को तलाशते हुए आपके घर, स्कूल या ऑफिस में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं। यही कारण है कि, प्री मानसून शुरू होते ही हमारे आस पास सर्पों की हलचल बढ़ जाती है। लेकिन इनसे इतना ज्यादा डरना भी जरूरी नहीं है क्योंकि सभी छोटे बड़े सर्प जहरीले ही नहीं होते हैं। अतः बेवजह ही न डरें और न ही किसी सर्प को बेवजह ही मारें।बस हमेशा सावधान रहे। यह जानकारी सर्पमित्र डाॅ आशीष त्रिपाठी ने विश्व सर्प दिवस 16 जुलाई काे लेकर (Udaipur Kiran) से खास बातचीत में
पूछे गए सवालाें के जवाब में कही।
क्या हमारे आस पास दिखने वाले सभी सर्प जहरीले हाेते हैं
ऐसा सच नहीं है क्योंकि पूरे भारत में सिर्फ बिग फोर प्रजाति के चार मुख्य सर्पों में कोबरा, करैत, रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर को छोड़कर सभी सांप जहरीले भी नहीं होते हैं। कुछ आंशिक जहरीले हो सकते हैं। सर्पमित्र डाॅ आशीष ने बताया कि बारिश के माैसम में हाे या अन्य दिनाें में अपने आसपास कोई सर्प देखकर बेवजह घबराने या शोर मचाने की आवश्यकता नहीं है।
अब यदि वर्ष भर का विश्लेषण करें तो आप देखेंगे कि, जिले में खतरनाक न्यूरोटोक्सिक वेनम के सर्पों की प्रजाति में (शहरी क्षेत्र में) सिर्फ कोबरा और करैत की ही मौजूदगी देखी गई है। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में देखा जाए तो विषधारी सांपों में कोबरा, करैत और विषहीन प्रजाति में घोड़ा पछाड़ चेकर्ड, दो मुंही, लाइकोडॉन, कॉमन कुकरी, ट्रिंकेट या अजगर ही देखने को मिलते रहते हैं। अगर औरैया जनपद में सांपाें की बात करें ताे
स्पेक्टिकल कोबरा सांप से करैत की संख्या अभी कुछ कम देखी जा रही है।
उन्हाेंने बताया कि अब जान लीजिए कि कोबरा, करैत के साथ इटावा के चम्बल क्षेत्र में पाया जाने वाला खतरनाक सर्प रसल वाइपर, अब न के बराबर दिखाई देने वाला छोटा सर्प सॉ स्केल्ड वाइपर है। यदि आपको ये कभी काट भी लें तो सिर्फ एंटीवेनम इंजेक्शन से ही उपचार संभव होता है। इसके विपरित झाड़ फूंक कराने से व्यक्ति को सिर्फ दर्दनाक मौत ही मिलती है।
सर्पदंश में क्या करना चाहिए
सबसे पहले सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति या महिला के हाथ या पैर में हल्का बंध (अंगोछे से दुपट्टे से) कलाई या कोहनी के ऊपर लगाकर कस दें। पैर में काटा हो तो एड़ी और घुटने के ऊपर बांध दें, फिर उसे बाई करवट लिटाकर बिना हिले डुले सीधे बिना किसी देरी के जिला चिकित्सालय इटावा (मोती झील अस्पताल) के कमरा नंबर तीन में या आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई इमरजेंसी ले जाएं और चिकित्सक के अनुसार उपचार कराएं।
सर्पों की सही और पहचान करने के लिए इमरजेंसी वार्ड के कमरा नम्बर 3 में हमारी संस्था ओशन की ओर से सर्पदंश पहचान का एक विशेष पोस्टर लगाया गया है। जिसमें देखकर सांप को आसानी से पहचाना जा सकता है। पहचान के लिए सांप को मारकर अस्पताल तक साथ लाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही अगर कोई भी सांप काट ले तो तुरंत हमारी इस हेल्पलाइन 7047204213 पर संपर्क कर सकते हैं। हमारी टीम
तत्काल आपकी मद्द करेगी।
खतरनाक बिग फोर सर्पों की प्रजाति में से किसी के भी काटने के बाद किसी भी अपने जानने वाले या अंधविश्वास में डूबे व्यक्ति के जोर देकर कहने या बरगलाने पर किसी भी गांव के ओझा/भगत से झाड़ फूंक न कराएं। कोबरा करैत के दंश से पीड़ित व्यक्ति की झाड़ फूंक कराने पर 100 प्रतिशत मौत ही होती है। अपने विवेक और बुद्धि का सही समय पर सही प्रयोग करें।
अंधविश्वास में न फंसे, अस्पताल में कराए सर्पदंश का इलाज
सर्पदंश विशेषज्ञ डाॅ आशीष ने बताया कि सांप काटने काे उसके जागरूकता विषय पर इटावा जिले में पिछले आठ वर्षों से रेस्क्यू के साथ साथ जागरूकता का महत्वपूर्ण कार्य हमारी संस्था ओशन कर रही है। संस्था के महासचिव, वन्य जीव एवं सर्पदंश विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी का कहना है कि कभी भी सर्पदंश होने की दशा में अपने परिजनों की जान किसी भी अंधविश्वास में पड़कर मत गंवाईये, क्योंकि आपके परिजनों का जीवन अमूल्य है और सर्पदंश के केस में रोगी को काट लेने के एक घंटे के अंदर ही इलाज मिलना सबसे आवश्यक होता है। किसी जहरीलें सर्प के काटने पर कृपया इधर उधर न भटकें बल्कि, सीधे जिला अस्पताल जाकर अपना इलाज करवाये और सुरक्षित रहें।
सर्पों को न मारे ये समझना हाेगा
सर्पमित्र डाॅ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि सर्प पृथ्वी पर करोड़ों वर्षों से हम सबके साथ रहते चले आ रहे हैं। वे सिर्फ हमारे आपके घरों और खेतों में घूमने वाले चूहों को ही खाने के लिए आते हैं। अब यदि आप खाद्य श्रृंखला को समझे तो देखेंगे कि चूहे सर्पों का मुख्य भोजन भी हैं और चूहे हमारे अनाज, कपड़े, किताबें, सामान आदि का बड़ा नुकसान करते हैं। किसानों के खेतों में घुसे चूहे फसल की उत्पादकता को घटा देते हैं, जिन्हें केवल सर्प ही खाकर प्रकृति में प्राकृतिक रूप से कंट्रोल कर सकते हैं। इसलिए कृपया सर्पों को बिलकुल भी न मारें। हां सर्प कभी भी आप पर हमला नहीं करते है, न ही काटते हैं जब तक की आप उन्हें बेवजह परेशान न करें या उन पर अपना पैर न रखें।
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(Udaipur Kiran) कुमार
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