नई दिल्ली, 03 सितंबर (Udaipur Kiran) । केन्द्र सरकार देश में पुराने सामान और कचरे से ज़रूरी खनिज निकालने और उत्पादन करने की क्षमता बढ़ाएगी। इसके लिए सरकार प्रोत्साहन योजना लाई है जिसपर 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह योजना ‘राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन’ का हिस्सा है। इसका मकसद देश में ज़रूरी खनिजों की आपूर्ति मज़बूत करना और आत्मनिर्भरता बढ़ाना है।
सरकार का अनुमान है कि योजना से हर साल 270 किलो टन तक पुनर्चक्रण क्षमता बनेगी। लगभग 40 किलो टन खनिज का उत्पादन होगा। इसके अलावा करीब 8 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा और 70 हजार लोगों को सीधा और परोक्ष रोज़गार मिलेगा।
योजना को बनाने से पहले सरकार ने उद्योगों और अन्य विशेषज्ञों से बातचीत की थी। यह योजना साल 2025-26 से 2030-31 तक चलेगी। इसमें ई-कचरा, पुरानी लिथियम बैटरी और बेकार हो चुके वाहनों से खनिज निकालने का काम होगा।
इस योजना का फायदा बड़े उद्योगों के साथ छोटे-नए कारोबारियों (स्टार्ट-अप सहित) को भी मिलेगा। सरकार संयंत्र और मशीनों पर 20 प्रतिशत सब्सिडी देगी, ताकि समय पर उत्पादन शुरू किया जा सके।
बड़ी कंपनियों को अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक और छोटी कंपनियों को 25 करोड़ रुपये तक की मदद मिलेगी। परिचालन खर्च के लिए भी क्रमशः 10 करोड़ और 5 करोड़ रुपये तक की सीमा तय की गई है।
सरकार का कहना है कि इस योजना से न केवल नई इकाइयां लगेंगी बल्कि पुरानी इकाइयों का विस्तार और आधुनिकीकरण भी होगा।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
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