भोपाल/सागर, 8 अप्रैल . पद्मश्री से सम्मानित सागर जिले के रहने वाले राम सहाय पांडे का मंगलवार को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे. 92 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रामसहाय पांडे के निधन पर दुख व्यक्त किया है.
राम सहाय पांडे की सोमवार को तबीयत खराब होने पर शहर के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां उनका इलाज चल रहा था, लेकिन मंगलवार को उनका निधन हो गया. उनके निधन की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने उनकी आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को यह दुख सहने करने की सामर्थ्य देने की ईश्वर से प्रार्थना की है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से कहा कि राम सहाय पांडे ने विपरीत परिस्थितियों में कला क्षेत्र को अपनाया और धारा के विपरीत बहते हुए इस क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां अर्जित कीं. भारत के साथ अन्य देशों में भी उन्होंने बुंदेलखंड के राई लोक नृत्य को पहचान दिलवाई. उनके योगदान को रेखांकित करते हुए भारत सरकार द्वारा पांडे को पद्मश्री से अलंकृत किया गया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बुंदेलखंड के गौरव, लोकनृत्य राई को वैश्विक पहचान दिलाने वाले लोक कलाकार पद्मश्री पांडे का निधन मध्य प्रदेश और कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. लोक कला एवं संस्कृति को समर्पित उनका सम्पूर्ण जीवन हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा.
बता दें कि पद्मश्री पांडे को वर्ष 2022 में भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट सेवा के लिए पद्म पुरस्कारों की श्रृंखला में तीसरा सर्वोच्च पुरस्कार पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. यह पुरस्कार बुंदेली लोक नृत्य राई को लोकप्रिय बनाने के लिए दिया गया था.
/ उम्मेद सिंह रावत
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