– फूलबाग मैदान व इटालियन गार्डन की पुरानी बावड़ियों की साफ-सफाई का काम शुरू कराया
ग्वालियर, 18 मई . ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर में स्थित पुरानी बावड़ियों व अन्य जल संरचनाओं का जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जीर्णोद्धार कर पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस कड़ी में कलेक्टर रुचिका चौहान रविवार को नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय एवं शहर के पर्यावरण प्रेमियों व नागरिकों के साथ फूलबाग मैदान पहुँचीं और यहाँ स्थित एक पुरानी बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्य की शुरूआत कराई. साथ ही जल विहार स्थित जलाशय की काई निकालकर सफाई अभियान प्रारंभ किया. इसके साथ ही इटालियन गार्डन परिसर में स्थित एक बावड़ी की सफाई कर शहरवासियों को जल संरचनाओं को साफ-सुथरा रखने एवं उनका संरक्षण करने का संदेश दिया.
फूलबाग स्थित जिस पुरानी बावड़ी के नजदीक एक सोखता पिट बनवाकर उसे बावड़ी से जोड़ा जा रहा है, जिससे बरसात के दौरान फूलबाग मैदान का पूरा पानी इस बावड़ी में आयेगा. इससे क्षेत्र के जल स्तर में बढ़ोत्तरी होगी. अभी तक यह पानी व्यर्थ में स्वर्ण रेखा में होकर बह जाता था.
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि जल विहार को सभी के सहयोग से साफ-सुथरा बनाया जायेगा. उन्होंने सुबह की सैर एवं योग करने आए शहरवासियों का आह्वान किया कि वे जल विहार को साफ-सुथरा रखने में सक्रिय भागीदारी निभाएं. साथ ही कहा कि आप सब यह जिम्मेदारी निभायें कि कोई भी जल विहार के जलाशय में गंदगी न डालने पाए. जल विहार परिसर में आवारा कुत्तों की वजह से सुबह की सैर में आ रही परेशानी की ओर कुछ लोगों द्वारा ध्यान आकर्षित किए जाने पर उन्होंने जल विहार के मुख्य द्वार पर जाली लगाई जाएं.
जल विहार एवं इटालियन गार्डन के भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने यहाँ पर बैठकर पेंटिंग बना रहे फाइन आर्ट कॉलेज के विद्यार्थियों से चर्चा की और उनका उत्साहवर्धन किया. इस मौके पर पार्षद रेखा त्रिपाठी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर आयुक्त नगर निगम मुनीष सिकरवार सहित अन्य संबंधित अधिकारी व शहर के नागरिक मौजूद थे.
गाँधी प्राणी उद्यान का भी लिया जायजा
कलेक्टर रुचिका चौहान ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत श्रमदान करने के बाद नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय के साथ गाँधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) का जायजा भी लिया. उन्होंने खासतौर पर गाँधी प्राणी उद्यान में प्रस्तावित विकास कार्यों के स्थल देखे और सभी कार्य जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने बाघ, एशियन शेर, विशेष प्रजाति के बंदर, हिप्पो, ऑस्ट्रिच इत्यादि प्राणियों के रहवास व उन्हें उपलब्ध कराए जा रहे भोजन इत्यादि व अन्य सुविधाओं की बारीकी से जानकारी ली.
तोमर
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