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बेट द्वारका में मिला पौराणिक हनुमान मंदिर, जीर्णाेद्धार के बाद श्रद्धालुओं के लिए खुला

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• पुलिस प्रशासन ने मंदिर का कराया रेनोवेशन

• गृह राज्यमंत्री हर्ष सिंघवी ने ट्वीट कर दी जानकारी

देवभूमि द्वारका, 13 अप्रैल . जिले के बालापोर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दाैरान घास के मैदान में छिपे मिले वर्षों पुराने भगवान हनुमान के मंदिर का पुलिस और प्रशासन ने जीर्णोद्धार कराया है. इस मंदिर में हनुमानजी और उनके बेटे

मकरध्वज की प्रतिमा स्थापित है. देशभर में पिता हनुमानजी और उनके पुत्र मकरध्वज का एक मात्र मंदिर है. हनुमान

जयंती के दिन से इस मंदिर काे लाेगाें के लिए खाेल दिया गया है. राज्य के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने रविवार को अपने एक्स हैंडल पर इस मंदिर की जानकारी साझा की है.

गुजरात के गृह राज्यमंत्री ने पुलिस की इस पहल काे रविवार को अपने एक्स अकाउंट पर साझा कर बधाई दी है. संघवी ने लिखा कि हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर मंदिर को जनता के लिए पुनः खोल दिया गया, जिससे स्थानीय विरासत और आध्यात्मिकता पुनर्जीवित हो गए. दशकों के बाद इस मंदिर में हनुमानजी का दर्शन कर निवासी भी खुद को कृतार्थ किए.

दरअसल, द्वारका से 35 किलोमीटर दूर समुद्र के बीच बसे बेट द्वारका में अतिक्रमण हटाने के दाैरान यह मंदिर मिला था.

स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर बहुत पुराना है. यह मंदिर जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुंच गया था. इसके बाद स्थानीय लाेगाें

के सहयाेग से पुलिस व प्रशासन ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. हनुमान जयंती के दिन इसे आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिया गया. इससे स्थानीय विरासत और लोगों की आस्था एक बार फिर जीवंत हो उठी.

उल्लेखनीय है कि भगवान द्वारकाधीश के निवास स्थान के रूप में प्रसिद्ध बेट द्वारका के टापू में यह मंदिर स्थित है. स्थानीय लोगों के अनुसार दांडी नाम से प्रसिद्ध हनुमानजी और उनके पुत्र मकरध्वज का मंदिर है. इस मंदिर को पौराणिक काल का बताया जा रहा है. यह मंदिर देशभर में प्रथम और इकलौता पिता-पुत्र का मंदिर है. स्थानीय मान्यता के अनुसार हर वर्ष हनुमानजी की मूर्ति चावल के दाने के बराबर पाताल की ओर बढ़ती है, वहीं मकरध्वज की मूर्ति इतनी ही आकार में आकाश की ओर बढ़ रही है.

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/ बिनोद पाण्डेय

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