जयपुर, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार राजस्थान को केवल आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि समृद्ध, सशक्त और सर्वापरि राज्य बनाने की प्राथमिकता के साथ काम कर रही है। राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है। उन्होंने उद्यमियों से आह्वान किया कि उद्यमी अधिक से अधिक निवेश कर राज्य की विकास यात्रा में सहभागी बनें।
शर्मा गुरुवार को जयपुर में इकोनॉमिक टाइम्स राजस्थान बिजनेस समिट 2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान भौगोलिक दृष्टिकोण से सबसे बड़ा तथा व्यापारिक दृष्टि से अपार संभावनाओं वाला प्रदेश है। राइजिंग राजस्थान समिट के आयोजन से राज्य सरकार को 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, इनमें से 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर धरातल पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को अधिक सुगम बनाने के लिए राज्य में राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी, राजस्थान मिनरल पॉलिसी, रीको प्रत्यक्ष आवंटन नीति, डेटा सेंटर नीति, वस्त्र एवं परिधान नीति, राजस्थान पर्यटन इकाई नीति जैसी नीतियां जारी की गई।
शर्मा ने कहा कि राजस्थान ने खनिज ब्लॉकों की नीलामी में देशभर में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। देश के कुल खनिज ब्लॉक आवंटन का 20 प्रतिशत अकेले राजस्थान से हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने विजन डॉक्यूमेंट-2047 को मंजूरी दी है। यह केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि राजस्थान के सुनहरे भविष्य का खाका है। हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक राजस्थान 350 बिलियन डॉलर और 2047 तक 4.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बने। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 सौर परियोजनाओं को मंजूरी, नई भूमि आवंटन नीति, पंच गौरव जैसे नवाचारों एवं निर्णयों से ऊर्जा एवं उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए निरंतर निर्णय ले रही है। जोधपुर-पाली औद्योगिक गलियारा, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे का यह महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो 19 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 50 हजार प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा वस्त्र, कृषि, इंजीनियरिंग और ऑटो क्लस्टर उद्योगों पर केंद्रित यह परियोजना राजस्थान को औद्योगिक मानचित्र पर नया स्थान दिलाएगी।
प्रदेश को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाए गए अनेक कदम
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 जारी की गई है, जो 2030 तक प्रदेश के अक्षय ऊर्जा उत्पादन को 125 गीगावाट के स्तर तक ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएगी। 22 जिलों में किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है तथा 2027 तक सभी किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम अभियान’ से प्रेरणा लेते हुए ‘हरियालो राजस्थान’ की शुरुआत की है। अभियान के तहत 5 वर्ष में 50 करोड़ पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है तथा अब तक हम 17 करोड़ से अधिक पौधे लगा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में असीमित अवसरों के साथ प्राकृतिक संसाधन एवं कुशल मानव संसाधन मौजूद है। राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ साल में पानी, बिजली, बुनियादी ढांचे और प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए अनेक निर्णय लिए हैं। पेयजल और सिंचाई की समस्या के स्थायी समाधान के लिए राम जल सेतु लिंक परियोजना, यमुना जल समझौता, माही बांध योजना सहित विभिन्न कदम उठाए गए हैं। साथ ही, हमने 5 साल के कार्यकाल में युवाओं को 4 लाख सरकारी और निजी क्षेत्र में 6 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण, 1 हजार 300 गांवों को डामर सड़कों से जोड़ना, मिसिंग लिंक रोड का निर्माण, जयपुर एयरपोर्ट का विस्तार सहित विभिन्न कार्यों से राज्य में विकास के नए मानदंड स्थापित किए जा रहे हैं।
ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ऊर्जा के क्षेत्र में प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। अक्षय ऊर्जा तथा ट्रांसमिशन तंत्र को विकसित करने से इस क्षेत्र में बहुत तेजी से कार्य हो रहा है। हमारा संकल्प है कि हम किसान को 2027 तक दिन में बिजली देंगे।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् के सदस्य प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा कि राजस्थान सरकार सुशासन का पर्याय बन चुकी है। वर्तमान सरकार जिम्मेदारी, जवाबदेही और उत्तरदायित्व के साथ कार्य कर रही है। यह पहला ऐसा राज्य है, जिसने अपने कार्यकाल के शुरूआत में ही निवेश समिट का आयोजन किया, साथ ही राजस्थान सरकार द्वारा सतत् विकास को बढ़ावा देते हुए हरियालो राजस्थान, वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान जैसे नवाचार भी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार चार गुना शक्ति के साथ राजस्थान को आगे ले जा रही है। इस दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी अडानी गैस सुरेश पी. मंगलानी, निदेशक एवं सहसंस्थापक एस.ए.ई.एल. इंडस्ट्रीज लि. सुखबीर आवला सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने समिट में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग अजिताभ शर्मा सहित बड़ी संख्या में उद्यमी और गणमान्य मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran)
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