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ग्लोबल इकोनॉमी का गेटवे बनकर देश के विकास में बड़ा योगदान कर रहा है गुजरात : अमित शाह

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नई दिल्ली, 10 अप्रैल . केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि सरकार और उद्योगपतियों के बेहतर तालमेल के कारण आज गुजरात ग्लोबल इकोनॉमी का गेटवे बनकर देश के विकास में बड़ा योगदान कर रहा है. शाह नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) के ऐनुअल ट्रेड एक्सपो 2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

अमित शाह ने कहा कि आज उद्योग से लेकर तकनीक, आईटी से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर और एमएसएमई से स्टार्टअप और पायनियर इन्डस्ट्री तक हर प्रकार के उद्योग का एक प्रकार से सुंदर इन्डस्ट्रियल वातावरण का गुलदस्ता गुजरात में देखा जा सकता है. गुजरात में उद्योग लगाने में रुचि रखने वाले लोगों को पता है कि यहां उन्हें बिना किसी राजनीतिक दखल के सुविधा और इन्डस्ट्री के अनुकूल वातावरण और बिना हड़ताल वाला एक तंत्र मिलेगा.

शाह ने कहा कि जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तत्कालीन गुजरात सरकार चैम्बर के साथ सार्थक चर्चा करने के बाद व्यापारियों, उद्योगपतियों और लघु उद्योगपतियों की बात सुनकर निर्णय लेती थी. भूपेन्द्र पटेल ने उस वातावरण को और मजबूत करने का काम किया है. शाह ने कहा कि मोदी ने उस समय नीति बनाई थी कि यदि इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा तो अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तो हर नागरिक के जीवन में अपने आप सुविधा आएगी. इसी कारण आज गुजरात ग्लोबल इकोनॉमी का गेटवे बनकर देश के विकास में बड़ा योगदान कर रहा है.

शाह ने कहा कि गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने गुजरात के विकास में बेहद अहम योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि चैम्बर ने युवाओं में उद्यम, साहस और दुनिया के किसी भी कोने में जाकर व्यापार करने का उत्साह भरने का काम किया है. गुजरात के युवाओं की औद्योगिक साहसिकता का गुण समाप्त न हो और उसे प्रोत्साहन मिले, इसके लिए चैम्बर को योजना बनानी चाहिए. गुजरात के लघु उद्योगों ने देश के औद्योगिक विकास में बहुत अच्छा योगदान दिया है. गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इन्डस्ट्रीज को लघु उद्योगों की परंपरा को स्टार्टअप के साथ जोड़कर और उसे आधुनिक बनाकर, हमारे युवाओं के लिए एक संपूर्ण तंत्र उपलब्ध कराना चाहिए और सरकार, लघु उद्योग और साहसिक युवा के बीच सेतु बनने का काम चैम्बर को करना चाहिए.

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में अगर चैम्बर को प्रासंगिक रहना है तो कार्यक्रमों के आयोजन मात्र से बाहर निकलकर उद्योगों, औद्योगिक क्षेत्र में कदम रखने वाले साहसी युवाओं और उद्योगपतियों- तीनों को मदद करने के लिए चैम्बर में एक स्थायी तंत्र बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि चैम्बर के पदाधिकारी अगर पेशेवर लोगों के साथ एक तंत्र बनाएं तो अगले 25 वर्ष तक चैम्बर की प्रासंगिकता बनी रहेगी. इसके साथ ही सरकार और नए उद्योगपति, सरकार और युवाओं और सरकार और विकास करने की इच्छा रखनेवाले उद्योगपतियों के बीच सेतु बनने का काम चैम्बर सरलता से कर सकता है.

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/ सुशील कुमार

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