-हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन भी संदिग्ध, स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की
हरिद्वार, 27 मई . लक्सर के सिद्ध बाबा हॉस्पिटल में डिलीवरी के दौरान हुई 28 वर्षीय महिला संगीता की मौत ने प्राइवेट अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही और मनमानी रवैये के चलते संगीता की जान चली गई. घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला.
स्वस्थ भर्ती हुई थी संगीता, दो दिन बाद मौत
परिजनों के अनुसार मृतका संगीता को दो दिन पहले सिद्ध बाबा हॉस्पिटल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था. भर्ती के समय उसकी तबीयत सामान्य थी और किसी प्रकार की जटिलता नहीं थी. परिजनों का कहना है कि संगीता की सामान्य डिलीवरी हो सकती थी, लेकिन डॉक्टरों ने अचानक ऑपरेशन की जरूरत बताकर उसे बिजनौर के एक निजी अस्पताल भेज दिया.
बेटी को जन्म दिया, फिर बिगड़ी हालत
बिजनौर के निजी अस्पताल में संगीता ने ऑपरेशन के बाद एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया. इसके बाद उसे फिर से लक्सर स्थित सिद्ध बाबा हॉस्पिटल लाया गया, जहां उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. परिजनों ने जब डॉक्टरों से संगीता को किसी और बड़े अस्पताल ले जाने की बात कही तो उन्हें यह कहकर रोका गया कि यदि मरीज को बाहर ले जाया गया तो अस्पताल किसी भी परिणाम का जिम्मेदार नहीं होगा.
परिजनों की मर्जी के खिलाफ दोबारा भेजा गया बिजनौर, फिर मौत
परिजनों के विरोध के बावजूद डॉक्टरों ने संगीता को जबरन दोबारा बिजनौर के उसी अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई. संगीता की मौत के बाद परिजन शव लेकर सिद्ध बाबा हॉस्पिटल पहुंचे और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में लापरवाही और जानबूझकर की गई मनमानी के आरोप लगाए.
हॉस्पिटल स्टाफ मौके से फरार, सीएचसी प्रभारी पहुंचे
घटना की सूचना मिलते ही सीएचसी लक्सर के प्रभारी डॉ. सैय्यद रफी अहमद मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि अस्पताल में उस समय न तो कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही अन्य स्टाफ. डॉ. अहमद ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि अस्पताल का पंजीकरण वैध है या नहीं. जांच पूरी होते ही नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सैनी समाज ने जताया रोष, अस्पताल बंद करने की मांग
घटना के बाद सैनी समाज के जिला अध्यक्ष बाबूराम सैनी भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने इस प्रकार के अस्पतालों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि समाज के हित में ऐसे फर्जी या लापरवाह अस्पतालों को तत्काल बंद किया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि कई ऐसे अस्पताल हैं जिनका न तो रजिस्ट्रेशन होता है और न ही योग्य डॉक्टर, लेकिन फिर भी आम जनता की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है.
पुलिस कर रही जांच, दर्ज होगा मामला
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच में लापरवाही साबित होने पर संबंधित डॉक्टरों और हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
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/ डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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