गंगटोक, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । सिक्किम के एक वरिष्ठ साहित्यकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सानु लामा का शनिवार सुबह सिलीगुड़ी के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सिक्किम के राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और वरिष्ठ साहित्यकारों लामा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने आज जारी अपने शोक संदेश में कहा कि वरिष्ठ साहित्यकार सानु लामा के निधन का समाचार सुनकर उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने सानु लामा के निधन को साहित्य जगत और सिक्किम के लोगों के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की तथा दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने वरिष्ठ साहित्यकार सानु लामा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि नेपाली भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक जागरूकता के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित सानु लामा के जीवन ने हम सभी पर गहरी छाप छोड़ी है। उनकी रचनात्मक प्रतिभा, काव्यात्मक सौंदर्य और नेपाली साहित्य के प्रति समर्पण ने सिक्किम की साहित्यिक परंपरा को समृद्ध किया है और राष्ट्रीय स्तर पर इसका गौरव बढ़ाया है।
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी सानु लामा के निधन पर गहरा दुख और हार्दिक संवेदना व्यक्त की गई है। भाजपा सिक्किम ने अपने शोक संदेश में कहा है कि लामा ने नेपाली साहित्य में अनगिनत मोती बिखेरे हैं और उनकी रचनाओं का अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, असमिया और ओड़िया में अनुवाद हुआ है। सानु लामा के निधन से नेपाली साहित्य और संगीत के एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया है।
सिटीजन एक्शन पार्टी, सिक्किम के अध्यक्ष गणेश कुमार राई ने जारी अपने शोक संदेश में कहा कि हम सानु लामा की विरासत और आजीवन समर्पण का सम्मान करते हैं। 1939 में जन्मे सानु लामा सिर्फ एक लेखक ही नहीं थे, वे नेपाली साहित्य के एक स्तंभ भी थे, जिनके शब्दों ने हमारी पहचान, भावनाओं और संघर्षों को आवाज दी।——————
(Udaipur Kiran) / Bishal Gurung
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