चंडीगढ़, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । पंजाबी फिल्मों के मशहूर कॉमेडियन जसविंदर भल्ला (65 वर्ष) का शुक्रवार सुबह चंडीगढ़ के निकट मोहाली में निधन हो गया। भल्ला बीमारी के चलते पिछले कई दिनों से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली। जसविंदर भल्ला का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को मोहाली में किया जाएगा।
जसविंदर भल्ला पंजाबी कॉमेडी के उन कलाकारों में शुमार थे जिन्होंने अपना करियर दूरदर्शन के साप्ताहिक कार्यक्रमों से शुरू किया। जसविंदर भल्ला वर्ष 1989 में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना में बतौर लेक्चरर भर्ती हुए। कृषि विश्वविद्यालय में सेवाएं देने के साथ-साथ उन्होंने थिएटर की दुनिया मे भी अपनी पकड़ मजबूत की।
पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री का एक दौर ऐसा भी आया जब फिल्मी हीरो के मुकाबले जसविंदर भल्ला की डिमांड अधिक रही। जसविंदर भल्ला सरकारी नौकरी से वर्ष 2020 में सेवानिवृत हुए। उन्होंने वर्ष 1988 में पहली बार दूरदर्शन पर चाचा चतरा के किरदार के रूप में एंट्री की और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पिछले करीब दो दशक में शायद ही कोई पंजाबी फिल्म ऐसी आई होगी जिसमें जसविंदर भल्ला नहीं दिखाई दिए।
जसविंदर भल्ला की प्रमुख फिल्मों में जट्ट एंड जूलियट, कैरी ऑन जट्टा, गोलक बुगनी बैंक ते बटवा, बधाईयां जी बधाईयां, माही मेरा निक्का जिहा जैसी दर्जनों हिट फिल्में शामिल हैं। वर्ष 2024 में जसविंदर भल्ला की -शिंदा शिंदा नो पापा- उनकी अंतिम फ़िल्म थी। वह अभी भी कई फिल्मों में काम कर रहे थे।
जसविंदर भल्ला के निधन पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भल्ला के निधन से पंजाबी फिल्मों में एक युग का अंत हो गया है।
जसविंदर भल्ला के साथ कई फिल्मों में मुख्य कलाकार के रूप में काम करने वाले पंजाबी फिल्म अभिनेता गिप्पी ग्रेवाल ने कहा कि भल्ला के निधन के बाद आज उनके पास शब्दों की कमी पड़ गई है। भल्ला के निधन आज हर पंजाब वासी गमगीन है।
—————
(Udaipur Kiran) शर्मा
You may also like
E20 पेट्रोल ने मचाया हंगामा! आपकी कार और बाइक के लिए खतरा या फायदा?
आर्यन खान की डेब्यू सीरीज के गाने का टीजर आउट, युवाओं के बीच मचा रहा धूम
क्रेटा-नेक्सॉन की नींद उड़ाने! आ रही महिंद्रा की 2 धांसू कॉम्पैक्ट SUVs, फीचर्स में होंगी जबरदस्त
भाजपा के जनसंवाद में मौके पर समस्या हल का विधायक केलकर का दावा
तितलियों की कहानी से मिला जैव विविधता संरक्षण का संदेश