सिरसा, 9 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व शनिवार को सिरसा जिले में बड़े हर्षोल्लास व श्रद्धापूर्वक मनाया गया है। सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं द्वारा रक्षाबंधन पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वहीं सरकार द्वारा महिलाओं के लिए रोडवेज बसों में फ्री यात्रा का प्रबंध किया गया है, जिससे बसों में महिलाओं की अच्छी-खासी भीड़ रही।
जिला जेल में भी रंक्षाबंधन पर्व मनाया गया।
विशेष रूप से रक्षाबंधन के मौके पर बंदियों व कैदियों की उनकी बहनों के साथ खुली मुलाकात का प्रबंध किया गया था। इतना ही नहीं जेल प्रशासन द्वारा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से बहनों के लिए राखी के साथ-साथ जलपान की व्यवस्था भी गई थी।
बहनों ने जेल प्रशासन की इस पहल की खूब प्रशंसा की। दूर-दराज से आई बहनों ने न केवल अपने भाइयों से मुलाकात की बल्कि पारिवारिक माहौल में राखी बांधी। जेल प्रशासन द्वारा रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए खास व्यवस्था करवाई गई थीं।
बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर खुश नजर आईं तो कई बहनें भावुक भी हो गईं। जेल प्रशासन की ओर से टैंट की व्यवस्था करवाई गई। साथ-साथ आगंतुक बहनों के लिए सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जलपान का प्रबंध किया गया था।
इस मौके पर रोटरी क्लब के पदाधिकारी भूपेश मेहता ने कहा कि इस सराहनीय पहल ने यह सिद्ध किया कि त्योहारों की असली आत्मा तब जीवंत होती है, जब हम उन्हें वंचित, उपेक्षित और जरूरतमंद लोगों के साथ बांटते हैं। रोटरी क्लब का यह आयोजन न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी का परिचायक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सेवा, करुणा और भाईचारा आज भी समाज को जोडऩे वाली सबसे मजबूत कडिय़ां हैं।
कार्यक्रम में रोटरी क्लब के प्रधान डॉ. विद्यासागर बांसल, लखविंदर सिंह, कैशियर राजेश खट्टर, पूर्व प्रधान देवेंद्र मिगलानी, मनीष मेहता, विष्णु सिंगला, सुखविंदर दुग्गल, परिंदर पांडे, दिनेश टांटिया सहित अन्य लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
जेल में अपने भाइयों को राखी बांधने आई बहनों ने खुशी जताते हुए जेल प्रशासन का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन की ओर से काफी अच्छे इंतजाम किए गए हैं। अपने भाइयों से खुली मुलाकात की है और उनकी कलाई पर राखी बांधी है।
जेल अधीक्षक जसवंत सिंह ने बताया कि रक्षाबंधन के पर्व को देखते हुए इस बार सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर आयोजन किया गया। आने वाले बहनें भी इससे खुश हुईं। उन्हें भी अपने बंदी भाइयों से मिलने का और उनके साथ बैठकर त्यौहार मनाने का अवसर मिला।
(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
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