मीरजापुर, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । समाज की मुख्य धारा से जुड़ने और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जनपद के बाल सम्प्रेक्षण गृह में रह रहे 18 वर्ष से कम आयु के सजायाफ्ता बालकों को शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, स्वास्थ्य परीक्षण, योग एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। शुक्रवार को जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने अधिकारियों व स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, बीएमआई जांच और आवश्यक दवाएं व परामर्श उपलब्ध कराएं। केबी कॉलेज के प्राचार्य को मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ भेजने के निर्देश दिए गए, ताकि बच्चों की रुचि जानकर उसी दिशा में उन्हें प्रशिक्षित किया जा सके।
जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को श्रेणीवार नामांकन कराकर कक्षा 1 से 12 तक की पढ़ाई की व्यवस्था सम्प्रेक्षण गृह में ही सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही, आईटीआई व कौशल विकास केंद्रों में मोबाइल और टीवी मरम्मत जैसे व्यावसायिक कोर्स, योग, तथा गायन-वादन में रुचि रखने वालों को विशेष प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया।
जिलाधिकारी गंगवार ने कहा कि इस पहल से बच्चे रिहाई के बाद हीन भावना से मुक्त होकर स्व-रोजगार शुरू कर सकेंगे और समाज की मुख्य धारा से जुड़कर अपना सुनहरा भविष्य बना पाएंगे।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक माया राम, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल वर्मा, जिला सूचना अधिकारी ओम प्रकाश उपाध्याय, केबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार, आईटीआई कॉलेज के प्राचार्य/नोडल अधिकारी तथा विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
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