वर्ष 2015 में भूटान में मोटर वाहन समझौते पर हुए थे हस्ताक्षर
काठमांडू, 13 अप्रैल . बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल (बीबीआईएन) के बीच यात्री, व्यक्तिगत और कार्गो वाहनों के यातायात के आवागमन के लिए मोटर वाहन समझौते (एमवीए) पर हस्ताक्षर करने के एक दशक बाद, चार दक्षिण एशियाई देशों ने सुचारू परिवहन सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दे दिया है. यह प्रोटोकॉल दक्षिण एशिया में अपनी तरह का पहला प्रोटोकॉल है. मोटर वाहन समझौते के अलावा बीबीआईएन देश क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा के लिए इंटरकनेक्टेड ग्रिड के बारे में भी सहमत हो सकते हैं.
बीबीआईएन-एमवीए का उद्देश्य यात्रियों, व्यक्तिगत और कार्गो वाहनों के यातायात के माध्यम से अंतर-क्षेत्रीय व्यापार और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए बाधाओं और नियमों को दूर करना है. हालांकि हाल ही में भारत के द्वारा बांग्लादेश को दी गई महत्वपूर्ण ट्रांसशिपमेंट सुविधाओं को रद्द करने के भारत के हालिया फैसले से चार देशों के बीच एमवीए के निष्पादन में बाधा डाल सकती है. गौरतलब है कि बांग्लादेश के सड़क परिवहन और पुल मंत्री, भूटान के सूचना और संचार मंत्री, भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग और शिपिंग मंत्री और नेपाल के भौतिक बुनियादी ढांचे और परिवहन मंत्री ने 15 जून 2015 को थिम्पू, भूटान में बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
नेपाल के यातायात मन्त्रालय के सचिव केशव शर्मा के मुताबिक प्रोटोकॉल के अनुसार भूटान को छोड़कर तीन अन्य हस्ताक्षरकर्ता सभी प्रकार के वाहनों को उनके बीच चलने की अनुमति देंगे. इनमें कार्गो वाहन परमिट के तहत तीन श्रेणियों – हल्के वाणिज्यिक वाहन (7,500 किलोग्राम तक), मध्यम वाणिज्यिक वाहन (7,500-12,000 किलोग्राम) और भारी वाणिज्यिक वाहन (12,000 किलोग्राम से ऊपर) शामिल हैं. उन्होंने बताया कि प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देने से पहले 2015 से लेकर 2018 तक कई चरण का परीक्षण किया गया. इसने दिखाया कि यात्रियों, व्यक्तिगत और कार्गो वाहनों के यातायात की निर्बाध आवाजाही संभव है. कार्गो ट्रायल रन नवंबर, 2015 में कोलकाता-ढाका-अगरतला मार्ग (600 किमी) के बीच आयोजित किया गया था. 29 अगस्त से 5 सितंबर 2016 तक ढाका और दिल्ली (1,780 किमी) के बीच, जबकि 23 अप्रैल, 2018 को भारत के माध्यम से ढाका से काठमांडू तक एक यात्री बस को परीक्षण के रूप में चलाया गया था.
बीबीआईएन-एमवीए के निष्पादन का समर्थन करने वाले एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अनुसार अब प्रस्तावित ट्रायल रन मार्ग काठमांडू-भैरहवा-सुनौली-लखनऊ-कानपुर-नई दिल्ली और नेपाल और भारत के बीच काठमांडू-बीरगंज-रक्सौल-कोलकाता हैं. इसी तरह काठमांडू-काँकडभिट्टा-पानीटंकी-सिलीगुड़ी-फुलबारी-बंगलाबांधा-मोंगला व चटोग्राम मार्ग नेपाल, भारत और बांग्लादेश के बीच एक परीक्षण मार्ग के रूप में प्रस्तावित है. संबंधित देशों के अधिकारियों ने मार्च 2022 में नई दिल्ली में मुलाकात की थी और मोटर वाहन समझौते को निष्पादित करने के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने पर सहमति व्यक्त की है. इनमें अधिक परीक्षण करने का सुझाव दिया और एडीबी से परीक्षण का समर्थन करने का अनुरोध किया. एमवीए के कॉन्सेप्ट पेपर के अनुसार बैंक ने बाद में एक तौर-तरीका प्रस्तावित किया था. ट्रायल रन बांग्लादेश, भारत और नेपाल के बीच या केवल दो देशों के बीच आयोजित किए गए थे. भूटान ने बीबीआईएन-एमवीए पर हस्ताक्षर किए हैं और प्रोटोकॉल को अपनी सहमति दी है लेकिन उसने ट्रायल रन में भाग नहीं लिया.
एडीबी के कंट्री डायरेक्टर मख़्तर खामुंदखनोव के मुताबिक एडीबी द्वारा बनाई जा रही एशियाई राजमार्ग एक गलियारा होगा जो बीबीआईएन-एमवीए के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. एडीबी ने मार्ग सामंजस्य (मार्ग-आधारित मूल-गंतव्य विश्लेषण), मार्ग पहचान, शुल्क निर्धारण, सीमा पार वाहन बीमा और नेपाल के लिए बीबीआईएन निहितार्थ अध्ययन पर निष्कर्ष निकाला है. उन्होंने कहा कि नेपाल के पास चार भारतीय बंदरगाहों-कोलकाता, हल्दिया, विशाखापत्तनम और मुंद्रा तक सीधी पहुंच होगी. प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षरकर्ता दो साल के भीतर, समझौते के तहत चलने वाले वाहनों की कुशल ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के साथ एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म स्थापित करेंगे. राष्ट्र वाहन और कार्गो आवाजाही की निगरानी और सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन के लिए एक साझा इलेक्ट्रॉनिक मंच स्थापित करेंगे.
र्शत यह भी है कि वाहनों के चालक दल को हस्ताक्षरकर्ता देशों के नागरिक होना चाहिए. वे वैध पासपोर्ट या अन्य दस्तावेजों के आधार पर यात्रा करेंगे. जब सीमा पार यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता होती है, तो ड्राइवरों और चालक दल द्वारा वीजा के लिए आवेदन को समझौते के अनुसार जारी किए गए उसके क्रू पहचान पत्र को सत्यापित किया जाएगा. आवेदक को अपने ड्राइविंग लाइसेंस की एक प्रति भी जमा करनी होगी. सदस्य देशों के बीच समझौते के कार्यान्वयन की निगरानी, समीक्षा करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करने के लिए एक संयुक्त भूमि परिवहन सुविधा समिति का गठन किया जाएगा.
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/ पंकज दास
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