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मध्य प्रदेश में बनी फिल्म 'होमबाउंड' ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में मचाई धूम

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– “कान्स अन सर्टेन रिगार्ड” सेक्शन में चुनी जाने वाली एकमात्र भारतीय फिल्म बनी होमबाउंड

भोपाल, 28 मई . मध्य प्रदेश एक बार फिर विश्व सिनेमा के पटल पर छाया हुआ है. 78वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में मध्य प्रदेश में शूट हुई नीरज घेवान द्वारा निर्देशित फीचर फिल्म “होमबाउंड” को सराहना मिली है. फिल्म का “कान्स अन सर्टेन रिगार्ड” सेक्शन में प्रीमियर शो कान्स फिल्म फेस्टिवल के दौरान किया गया. यह एकमात्र भारतीय फिल्म है, जो इस प्रतिष्ठित सेक्शन में चुनी गई है. कान्स फिल्म फेस्टिवल में अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों के साथ–साथ कलाकारों और दर्शकों द्वारा फिल्म की प्रशंसा करते हुए नौ मिनट तक खड़े होकर तालियां बजाते हुए सम्मान किया गया. अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त, ऑस्कर विजेता, अमेरिकन फिल्म मेकर डायरेक्टर मार्टिन स्कॉर्सेस के इस फिल्म से जुड़ने से इसकी अंतरराष्ट्रीय साख मजबूत हुई है.

मप्र पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बुधवार को कहा कि यह उपलब्धि न केवल राज्य की सृजनात्मक संभावनाओं को दर्शाती है, बल्कि इसे वैश्विक फिल्म निर्माण के लिए एक पसंदीदा लोकेशन के रूप में स्थापित करती है. वर्ष 2024 में फिल्म ‘होमबाउंड’ का बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश के भोपाल और आसपास के क्षेत्र में प्राकृतिक, सांस्कृतिक और शहरी परिवेश में शूट किया गया है. फिल्म की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा राज्य की फिल्म अनुकूल नीतियों और फिल्म की कहानी के अनुसार उपयुक्त लोकेशनों की सफलता का प्रमाण है.

भोपाल और आस पास के क्षेत्रों में हुई है पूरी शूटिंग

उल्लेखनीय है कि होमबाउंड फिल्म धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी है. मध्य प्रदेश में शूट होने वाली यह उनकी पांचवीं फिल्म है. फिल्म के निर्माता करण जौहर हैं. निर्देशक नीरज घेवान हैं, इससे पहले उनके निर्देशन में बनी “मसान” फिल्म को भी दर्शकों ने खूब सराहा था. होमबाउंड में कलाकार ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर मुख्य भूमिका में हैं. कान्स फिल्म फेस्टिवल में सराहना मिलने पर पूरी टीम काफी खुश है. होमबाउंड टीम ने मध्य प्रदेश में सुगम शूटिंग अनुभव के लिए अपनी सराहना व्यक्त की. विभिन्न प्रकार के लोकेशनों की आसान उपलब्धता से लेकर स्थानीय समुदायों के सहयोग तक, फिल्म निर्माताओं ने प्रदेश को एक आदर्श शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में सराहा. कई सदस्यों ने भविष्य की परियोजनाओं के लिए यहां दोबारा लौटने की प्रबल इच्छा जताई है.

प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने इस उपलब्धि पर “होमबाउंड” की टीम को बधाई और शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की प्राकृतिक विविधता, ऐतिहासिक विरासत और सिनेमा-फ्रेंडली वातावरण ने एक बार फिर स्वयं को सिद्ध किया है. होमबाउंड जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित फिल्म का हमारे प्रदेश में शूट होना और फिल्म की टीम द्वारा अनुभव की गई सहजता, हमारे फिल्म नीति और स्थानीय समुदायों के सहयोग का प्रमाण है. हमें गर्व है कि मध्य प्रदेश अब वैश्विक फिल्मकारों की पसंद बनता जा रहा है. राज्य सरकार फिल्म इंडस्ट्री को हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे अधिक से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स यहां आएं.

रचनात्मक कल्पनाओं को साकार करने के लिए मध्य प्रदेश ईज ऑफ शूटिंग डेस्टिनेशन: प्रमुख सचिव शुक्ला

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव तथा मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने फिल्म “होमबाउंड” के निर्माता–निर्देशकों और कलाकारों के साथ पूरी टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं के लिए मनभावन शूटिंग स्थलों के साथ, शूटिंग फ्रेंडली स्थानीय नागरिक, फिल्म सहयोगी ईको सिस्टम, समृद्ध स्थानीय संस्कृति के साथ मध्य प्रदेश विशेष रूप से ईज ऑफ शूटिंग डेस्टिनेशन बन गया है. विशेष सहायता राशि और सिंगल विंडो फिल्म शूटिंग अनुमति प्रदान करते हुए हम स्थानीय टैलेंट को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं. हम देश-दुनिया के फिल्म निर्माताओं का स्वागत करते हैं कि वे यहां आकर अपनी रचनात्मक कल्पनाओं को साकार करें. होमबाउंड की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया है कि मध्य प्रदेश रचनात्मकता और सिनेमा का केंद्र भी बनता जा रहा है.

नई टूरिज्म पॉलिसी ने काम किया आसान

मध्य प्रदेश की नई फिल्म टूरिज्म पॉलिसी ने निर्माता–निर्देशकों का काम आसान किया है. सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान हुई है, वहीं सब्सिडी से निर्माता–निर्देशकों को प्रोत्साहन मिला है. मध्यप्रदेश की फिल्म टूरिज्म पॉलिसी के बाद प्रदेश में 350 से अधिक फिल्में और वेबसीरीज शूट हो चुकी हैं. अब तक 12 हिंदी फिल्मों, एक तेलुगु फिल्म और छह वेब सीरीज को 24 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय अनुदान दिया जा चुका है. प्रदेश को वर्ष 2022 में “मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट” का अवॉर्ड भी मिल चुका है.—————-

तोमर

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