नई दिल्ली, 07 अप्रैल . सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में दीवानी विवादों को आपराधिक मामलों में बदलने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जताई है. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह कानून के शासन का पूर्ण उल्लंघन है. जस्टिस खन्ना ने कहा कि यूपी में आए दिन सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदला जा रहा है. यह बेतुका है, सिर्फ पैसे के लेन-देन को अपराध नहीं बनाया जा सकता है.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने जांच अधिकारियों को गवाह के तौर पर पेश होने का निर्देश दिया और इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए पुलिस पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी. कोर्ट ने कहा कि वकील भूल गए हैं कि दीवानी अधिकार क्षेत्र भी है. सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2024 में कहा था कि यहां सिविल विवादों को आपराधिक मामलों के रूप में देखा जा रहा है. यह एक चिंता का विषय है. उन्होंने उस समय धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामले पर लिस्टेड याचिका पर कहा था कि यहां लगातार आपराधिक मामलों को दीवानी मामलों में बदला जा रहा है. कोर्ट ने कहा था कि ये गलत प्रथा है और ऐसा नहीं होना चाहिए.
/संजय
———–
/ सुनीत निगम
You may also like
ट्रंप की मांगों पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने दी ये चुनौती, तो रोकी गई करोड़ों की फंडिंग
मिनटों में अपना EPF बैलेंस करें चेक! ये है आसानी से बैलेंस चेक करने के तीन तरीके
Monsoon 2025: देश में कब देगा मानसून दस्तक? मौसम विभाग ने जारी की ताज़ा भविष्यवाणी
नींबू और ENO का ये नुस्खा बना देगा इतना गोरा. हैरान होकर देखेगी पूरी दुनिया‹
राजस्थान में बुढ़ापे के सहारे ने चलाई कुल्हाड़ी! बड़े बेटे ने काट डाले मां के हाथ-पैर, ज़रा सी बात पर पार की हैवानियत की हदें