-प्राणयुक्त प्राणवंत है नाविक की बेटियां/मठ के बिना महंत है नाविक की बेटियां
गुरुग्राम, 2 जून . सुरुचि परिवार के तत्वावधान में सी.सी.ए. स्कूल सेक्टर-4 गुरुग्राम के सभागार में लोकार्पण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. विजय नागपाल के प्रथम काव्य संग्रह नाविक की बेटियां को मंचासीन अतिथिगण द्वारा लोकार्पित किया गया.
प्रख्यात कवि एवं शिक्षाविद् डॉ. सारस्वत मोहन मनीषी मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर विराजमान थे.
सुप्रसिद्ध कवि डॉ. अशोक बत्रा, महानगर संघचालक जगदीश ग्रोवर, समीक्षक राजेश्वर वशिष्ठ, कवि डॉ. विजय नागपाल नाविक, अ.भा.सा. परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य भी मंचासीन रहे. दीप प्रज्जवलित एवं अंजलि श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ. महासचिव मदन साहनी ने संचालन किया. संस्था अध्यक्ष डॉ. धनीराम अग्रवाल ने अतिथियों का परिचय दिया. डॉ. विजय नागपाल ने अपनी साहित्यिक यात्रा के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि मां से मिले संस्कार की बड़ी भूमिका इस पुस्तक में है. संग्रह से उन्होंने कुछ रचनाओं का पाठ किया पिता पिता ही होता है. समझ से परे है उसके वात्सल्य की गहराइ. उन्होंने बेटियां का सस्वर पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. तिमिर में बाती सी, चातक को स्वाति सी, चन्दन सुहाती सी होती है बेटियां. राजेश्वर वशिष्ठ ने विस्तार से संग्रह की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें विविध विषयों की अनेक कविताएं हैं.
डॉ. अशोक बत्रा ने समीक्षात्मक चर्चा करते हुए मंच से जोडऩे की बात कही. उन्होंने कहा कवि के भीतर भाव सरिता है. कविता में प्राकृतिक प्रवाह है. छोटी बहर पर पकड़ है. प्रवीण आर्य और जगदीश ग्रोवर ने भी प्रथम काव्य संग्रह के लिए मंच से आत्मीय बधाई दी. मुख्य अतिथि मनीषी ने कहा कि नाविक साधारण कवि नहीं हैं.सभागार में परिषद् कोठपूतली प्रान्त से उमराव लाल वर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष ओमप्रकाश भार्गव, चूड़ाराम पदम्, रोहिल सैनी, शुभा आर्य, नीलम मदान सहित परिषद् के कई पदाधिकारी, ट्यूलिप सोसाइटी के कई गणमान्य महानुभाव एवं साहित्य प्रेमी राजपाल यादव, अर्जुन वशिष्ठ, हरीश कुमार, मेघना शर्मा, शिव प्रसाद तिवारी, पिंकी गुप्ता, नरोत्तम शर्मा, सुरेन्द्र मनचंदा, त्रिलोक कौशिक, सुनील शर्मा, अनिल श्रीवास्तव उपस्थित थे. कोषाध्यक्ष हरीन्द्र यादव ने आमंत्रित अतिथिगण, श्रोताओं एवं सी. सी. ए. स्कूल प्रबंधन के प्रति आत्मीय आभार व्यक्त किया.
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