बीरभूम, 04 जून (Udaipur Kiran) । पिछले कुछ वर्षों में मुरारई, नलहाटी, रामपुरहाट, मारग्राम, मयूरेश्वर समेत रामपुरहाट महकमे में टोटो की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। जीविकोपार्जन की उम्मीद में बेरोजगार युवक सड़कों पर टोटो चला रहे हैं। इससे कई लोगों को लाभ हुआ है। लेकिन यातायात की भीड़ भी बढ़ गई है। पूरे शहर में रूटलेस टोटो की संख्या बढ़ गई है। दूसरी ओर नाबालिग टोटो चालक हर जगह देखे रहे हैं। सड़क पर दुर्घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं।
आम लोगों का कहना है कि नाबालिग, अयोग्य और नशे में धुत्त टोटो चालकों के कारण हर दिन पैदल यात्री घायल हो रहे हैं। दो-तीन मौतें भी हो चुकी हैं। स्वाभाविक रूप से टोटो के अनियंत्रित परिचालन ने आम लोगों की सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। शुरू से ही टोटो की पहचान अवैध वाहन के रूप में रही है। इसके बाद भी टोटो की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। नतीजतन नागरिकों को हर दिन जाम से जूझना पड़ रहा है। इसके साथ ही छोटी-मोटी दुर्घटनाएं, नशे में टोटो चलाना, अधिक किराया मांगने से लोगों में नाराजगी है। अब तो नाबालिग टोटो यात्रियों के साथ मारपीट पर भी उतर आते हैं। वे शहर से लेकर गांव की सड़कों के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी टोटो चला रहे हैं।
खबर लिखे जाने तक इस बारे में प्रशासन से संपर्क साधने पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई थी।
यात्री इस बात से डरे रहते हैं कि कब क्या खतरा हो जाए। मुरारई निवासी इकबाल खान ने बताया कि नाबालिग टोटो चालकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आम लोग अक्सर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। कुछ दिन पहले ऐसे ही एक टोटो की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। कई लोग घायल हो गए थे, कुछ के पैर टूट गए थे। पुलिस को सूचना देने पर बताया गया कि टोटो वाहन अवैध हैं। वे एमवीआई एक्ट के तहत नहीं आते हैं।
अवैध वाहनों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी? जब माता-पिता मुआवजे की मांग करते हैं, तो वे कहते हैं, गरीब लोग पैसा कहां से लाएंगे? फिर नाबालिग टोटो क्यों चलाते हैं?
रामपुरहाट निवासी सरबनी मंडल ने कहा कि टोटो अब लोगों की परेशानी का कारण बन गया है। बेरोजगार, गरीब लोग आजीविका के लिए इस पेशे को चुन रहे हैं। लेकिन हर दिन एक के बाद एक दुर्घटना उनके अयोग्य हाथों हो रही है। इससे दहशत बढ़ रही है। फिर भी पुलिस प्रशासन टोटो पर नियंत्रण करने में सकारात्मक भूमिका नहीं निभा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले प्रशासन ने रामपुरहाट महकमे भर में टोटो पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए थे। टोटो पर बारकोड लगाने से लेकर वन-वे करने और नाबालिगों के टोटो चलाने पर ही कार्रवाई करने की बात कही थी। कहा गया था कि गांव के टोटो को शहर में नहीं चलने दिया जाएगा। लेकिन किसकी रोक को कौन समझे। इसके उलट नाबालिग टोटो चालक गांव से लेकर शहर तक हर जगह घूम रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
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