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मीरजापुर में सब्जी की खेती बनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़

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लालगंज के किसान हो रहे आत्मनिर्भर, मंडियों तक पहुंची पहचान

मीरजापुर, 24 जून (Udaipur Kiran) । सब्जी की खेती ने लालगंज तहसील के गांवों की तस्वीर बदल दी है। राजापुर, मझियार, कोठी, दादर, रेही, लखनिया, खजुरी, बसही, घराघनपुर, कोलकम, पतार और कठवार सहित 12 से अधिक गांवों के किसान कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।

खेतों में पंक्तिबद्ध बुवाई, जैविक सुरक्षा, फेंसिंग और आधुनिक तकनीकों के साथ खेती की जा रही है। पहाड़ी नदियों के खनिज युक्त जल से सिंचित इन फसलों की पौष्टिकता और गुणवत्ता के चलते लालगंज की सब्जियां प्रयागराज के कोराव से लेकर मध्यप्रदेश के रीवा और सतना तक लोकप्रिय हैं।

यहां के किसान शिवशंकर पाण्डेय, परवेज आलम सिद्दीकी, नागेन्द्र सिंह, अमित कुमार सिंह, भागवत सिंह, महेश दत्त मिश्रा, ठाकुर राकेश सिंह, सूर्य प्रताप सिंह, सनेही लाल विश्वकर्मा, नन्हेलाल मौर्या, कमलेश यादव, दीपू पटेल,

आलोक सिंह आदि ने बाजार में अपनी सब्जियाें की मांग काे लेकर

खुशी व्यक्त की। किसानाें ने संयुक्त रूप से बताया कि फसलों की बढ़ती मांग को देखते हुए हम किसान भाई पहले से ही विभिन्न किस्मों की खेती कर बाजार की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं। खजुरी हाईवे से होकर गुजरने वाले राहगीर, पर्यटक और व्यापारी यहां की सब्जियों की खरीदारी जरूर करते हैं।

किसानाें ने बताया कि कसब्जी की खेती से गांवों की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कई किसानों के पास अब पक्के मकान, चार पहिया और दोपहिया वाहन हैं। यह खेती अब सिर्फ जीविका का साधन नहीं, बल्कि समृद्धि का माध्यम बन गई है।

तकनीकी मार्गदर्शन से संवर रही खेती

जिला उद्यान अधिकारी मेवालाल ने बताया कि किसानों को उन्नत बीज, कीट नियंत्रण और बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन की जानकारी दी जा रही है। वैज्ञानिक तरीके अपनाकर किसान अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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