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देश में आतंक की जमात खड़ा कर रहा था हिज्ब उत-तहरीर, NIA की अदालत ने एक सदस्य को सुनाई पांच साल की सजा

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Hizb ut-Tahrir: एनआईए (NIA) की विशेष अदालत ने आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर (HuT) के एक सदस्य के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की है। अदालत ने एचयूटी के एक सदस्य को विभाजनकारी और हिंसक विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए दोषी ठहराया है। उसे पांच साल के कठोर करावास की सजा सुनाई है। एनआईए द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि अब्दुल्ला उर्फ श्रवण कुमार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

एनआईए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सोमवार को सुनाए गए फैसले में अदालत ने कुमार को गैरकानूनी गतिविधि के लिए दूसरों को सलाह देने या उकसाने का दोषी पाया। एनआईए की जांच से पता चला कि आरोपी ने एचयूटी के लिए भी सहयोग मांगा था, जिसका उद्देश्य भारत जैसे देशों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को अस्थिर करना है।


फेसबुक पर पोस्ट कर फैला रहा था आतंक
बयान में कहा गया कि इस एजेंडे के तहत आरोपी ने 2021 में दो मौकों पर अपने फेसबुक अकाउंट ‘अब्दुल्ला इब्न सुब्रमण्यम’ पर पोस्ट अपलोड किए थे, जिसका स्पष्ट उद्देश्य भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को प्रभावित करना था। एनआईए की जांच के अनुसार, उसने भारत सरकार के प्रति असंतोष को बढ़ावा देने का प्रयास किया था और गैरकानूनी गतिविधि करने के इरादे से दूसरों को सरकार के खिलाफ अपराध के लिए उकसाया था।

गृह मंत्रालय ने लगाया था प्रतिबंध
बता दें, बीते महीने अक्टूबर में भारत सरकार ने इस्लामी समूह हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था। भारत सरकार की ओर से कहा गया था कि इस संगठन का का उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है। वैश्विक इस्लामी समूह एचयूटी 1953 में यरुशलम में बना था। सरकार द्वारा जारी किए गए अधिसूचना में बताया गया है कि हिज्ब-उत-तहरीर का लक्ष्य लोकतांत्रिक सरकार को जिहाद के माध्यम से हटाकर भारत सहित विश्वस्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है।
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