भारतीय पासपोर्ट के साथ पकड़े गए एक नेपाली नागरिक को लेकर प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले में अब उस नेपाली नागरिक को भारतीय मतदाता और पासपोर्ट धारक बनाने में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने इस संबंध में गंभीर जांच शुरू कर दी है।
मामले की पड़ताल में सामने आया फर्जीवाड़ा-
आरोपी नेपाली युवक के पास भारत का पासपोर्ट, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र मिला है।
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इतना ही नहीं, उसका नाम केंट विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 99 की वोटर लिस्ट में भी दर्ज है।
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इससे यह स्पष्ट होता है कि उसे भारत का नागरिक साबित करने के लिए सरकारी दस्तावेजों में गड़बड़ी की गई।
इस मामले की तह तक जाने के लिए:
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सिविल लाइंस पुलिस ने रांझी एसडीएम को पत्र लिखकर पूछा है कि
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नेपाली युवक का नाम वोटर लिस्ट में किसने जोड़ा?
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इसके लिए किस बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) और कर्मचारियों ने प्रक्रिया पूरी की?
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किन दस्तावेजों के आधार पर यह फर्जी एंट्री की गई?
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नेपाल मूल के युवक को कैसे पासपोर्ट जारी हुआ, इसकी भी जांच की जा रही है।
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अब पासपोर्ट कार्यालय के कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
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मामले में अगर रिश्वत या दस्तावेजों की हेराफेरी पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपी युवक से पूछताछ कर कुछ दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
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अब आगे की जांच में यह देखा जाएगा कि—
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उसने भारत का नागरिक बनने के लिए कितने सरकारी विभागों में फर्जी कागजात लगाए?
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क्या इसके पीछे कोई दलाल या गैंग सक्रिय है जो विदेशियों को दस्तावेज बनवाकर भारतीय पहचान दिला रहे हैं?
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