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पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को नए तरीके से परिभाषित किया : राजनाथ सिंह

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श्रीनगर, 15 मई (आईएएनएस)| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर के बादामी बाग कैंट में भारतीय सेना के जवानों का हौसला बढ़ाने पहुंचे थे। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत की बदली हुई नीति में पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका का जिक्र किया।

बादामी बाग कैंट में सेना के जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को फिर से परिभाषित किया है। भारत की धरती पर किए जाने वाले किसी भी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।"

रक्षा मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत पर कोई आंतकी घटना युद्ध के रुप में देखी जाएगी। पाकिस्तान के साथ सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर बात होगी। आतंकवाद के रहते बातचीत की कोई संभावना नहीं है।"

राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ इतिहास में भारत द्वारा की गई सबसे बड़ी कार्रवाई बताया और इसे आतंकवाद को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जाने की देश की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा,"आतंकवादियों ने भारतीयों को उनके धर्म के आधार पर मारा, लेकिन हमने उन्हें उनके कृत्यों के लिए मारा। उन्हें समाप्त करना हमारा धर्म था। हमारी सेना ने अपने गुस्से को सही दिशा दी और पहलगाम का बदला बहुत साहस और सूझबूझ के साथ लिया।"

रक्षा मंत्री ने कहा कि, "ऑपरेशन सिंदूर से हमने आतंकवादियों को ये स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, हमारी सेना ने दुनिया को दिखा दिया है कि हमारा निशाना कितना सटीक और कारगर है। गिनती का काम हमने दुश्मनों पर छोड़ दिया है। भारत ने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है। कभी भी युद्ध का समर्थन नहीं किया है। लेकिन, अगर देश की संप्रभुता पर हमला होता है तो उसका जवाब देना भी आवश्यक होता है। पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आता तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"

रक्षा मंत्री ने कहा,"पहलगाम की घटना से पाकिस्तान ने भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया था, जिसका जवाब हमारे सशस्त्र बलों ने दिया। 21 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय पाकिस्तान ने आतंक को समर्थन न देने का समझौता किया था। लेकिन, वह इस समझौते से बार-बार मुकरता रहा है। उसे आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करना चाहिए तथा अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देना चाहिए।

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि,"पाकिस्तान के साथ संघर्ष में हम परमाणु ब्लैकमेल की धमकी से विचलित नहीं हुए, मैं दुनिया से पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैरजिम्मेदार और दुष्ट देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? क्या पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी में लिया जाना चाहिए?"

राजनाथ सिंह ने कहा, पाकिस्तान ऐसी स्थिति में है कि उसे आईएमएफ से कर्ज लेना पड़ रहा है, जबकि भारत उन देशों में है जो गरीब राष्ट्रों की मदद करता है।

पाकिस्तान के साथ संघर्ष में शहीद हुए जवानों को रक्षा मंत्री ने श्रद्धांजली दी और जख्मी जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने अपने भाषण में सेना की बहादुरी की प्रशंसा की। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और सेना अध्यक्ष उपस्थित थे।

--आईएएनएस

पंकज/जीकेटी

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