झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार (14 अप्रैल) को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय अधिवेशन में गरजे। भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर शुरू हुए झामुमो के दो दिवसीय केंद्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के आदिवासी, गरीब, दलित, दबे, कुचले, शोषित लोगों ने जुल्म से तंग आकर वर्ष 2019 में डबल इंजन की सरकार को उखाड़ फेंका था। उन्होंने कहा कि गुरुजी द्वारा लगाया गया पौधा आज विशाल वृक्ष का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य गठन के बाद से ही यहां के आदिवासियों, मूलवासियों और दलितों का शोषण और अत्याचार किया गया है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2019 में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में महागठबंधन (झामुमो, कांग्रेस, राजद) की सरकार बनी तो उसे बाधित करने और नष्ट करने का प्रयास किया गया। विपक्षी दल के तमाम प्रयासों के बावजूद झारखंड की अबुआ सरकार झुकने को तैयार नहीं थी। झारखंड की आम जनता के हित में अबूझमाड़ सरकार फैसले ले रही है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य बनने के बाद सत्ता ऐसे लोगों के हाथों में चली गई, जिन्हें आदिवासियों और मूलवासियों की कोई चिंता नहीं थी। सरकारी नीतियों के कारण आदिवासी, मूलनिवासी और किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार (हेमंत सोरेन की सरकार) आम लोगों के हित में काम कर रही है। यह आदिवासियों और मूल निवासियों को उनके अधिकार दिला रहा है।
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