जयपुर की ऊँचाई पर बसे ऐतिहासिक नाहरगढ़ किले का नाम सुनते ही मन में एक भव्य, शाही और वीरता से भरी छवि उभरती है। यह किला राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1734 में बनवाया गया था। लेकिन इस ऐतिहासिक इमारत से जुड़ी एक और रहस्यमयी कहानी वर्षों से चर्चा में है — क्या नाहरगढ़ किले में आज भी तंत्र साधना होती है?
ऐतिहासिक गौरव के पीछे छिपा रहस्यनाहरगढ़ किला अरावली की पहाड़ियों पर बसा हुआ है और जयपुर शहर को निगरानी में रखने के लिए इसका निर्माण किया गया था। यह आमेर और जयगढ़ किलों की रक्षात्मक त्रयी का एक अहम हिस्सा रहा है। लेकिन जहाँ एक ओर यह किला स्थापत्य और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, वहीं दूसरी ओर इसके गलियारों और वीरान कमरों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिन्होंने इसे रहस्यमयी बना दिया है।
स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों के अनुसार, रात के समय इस किले में किसी अजीब ऊर्जा का अनुभव किया जा सकता है। कई लोगों ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने यहां अघोरी साधुओं को अनुष्ठान करते हुए देखा है।
तांत्रिक साधना: अफवाह या सच्चाई?कुछ वर्षों से सोशल मीडिया और लोक कथाओं में यह चर्चा जोरों पर है कि नाहरगढ़ किले में तांत्रिक साधना की जाती है। हालांकि इस पर आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन कुछ ऐसे संकेत जरूर हैं जो इस संभावना को बल देते हैं।स्थानीय गाइड्स और गांववासियों का कहना है कि अमावस्या की रातों में कुछ अनजान लोग किले की सुनसान दीवारों के पास दीपक जलाते और कुछ अनुष्ठान करते देखे गए हैं। कुछ का कहना है कि ये लोग “तांत्रिक क्रिया” के लिए आते हैं, जो विशेष रूप से शक्तिपीठों और ऊर्जावान स्थानों पर की जाती है।
पुलिस और प्रशासन की चुप्पीजब इस विषय पर स्थानीय पुलिस अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने इसे "अफवाह" करार देते हुए कहा कि “ऐसी कोई गतिविधि हमारे संज्ञान में नहीं है। नाहरगढ़ किला एक ऐतिहासिक धरोहर है और यहां सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है।”हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि किले के कुछ हिस्से इतने दूरस्थ और दुर्गम हैं कि वहां तक गश्त लगाना मुश्किल होता है। ऐसे में यह आशंका जताई जाती है कि कुछ साधक इन सुनसान हिस्सों का लाभ उठा सकते हैं।
क्या है तंत्र साधना?तंत्र साधना भारत की एक प्राचीन परंपरा है, जिसका उद्देश्य आत्मज्ञान, सिद्धियाँ प्राप्त करना या किसी विशेष देवी-देवता की कृपा पाना होता है। यह सामान्य पूजा-पाठ से अलग और अधिक गूढ़ मानी जाती है। आम तौर पर यह रात्रि के समय, विशेष रूप से अमावस्या या ग्रहण के दौरान की जाती है।कुछ मान्यताओं के अनुसार, ऊँचे स्थान, वीरान जगहें या ऐसे स्थल जहाँ प्राचीन ऊर्जा हो, उन्हें तांत्रिक साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस लिहाज से नाहरगढ़ किला इन सभी मानकों पर खरा उतरता है।
पर्यटकों का अनुभवकई पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा है कि उन्हें किले में अजीब सी हलचल, मांस जलने की गंध, और सन्नाटे के बीच किसी के चलने की आहट महसूस हुई। कुछ ने तो यह भी दावा किया कि उन्होंने "हवनकुंड" जैसे चिन्ह देखे हैं जो आमतौर पर पूजा या तांत्रिक अनुष्ठानों में प्रयोग होते हैं।
विशेषज्ञों की रायइतिहासकार डॉ. रवि सिंह का मानना है कि, “नाहरगढ़ किला जितना प्रसिद्ध अपने स्थापत्य के लिए है, उतना ही रहस्यमयी भी रहा है। तांत्रिक साधना का प्रमाण देना मुश्किल है लेकिन यह सच है कि हमारे देश में कई ऐतिहासिक स्थलों पर इस प्रकार की गुप्त साधनाएं होती रही हैं।”परामनोविज्ञान विशेषज्ञ प्रिया राज का कहना है कि, “ऐसे किले ऊर्जावान होते हैं और वहां किसी भी साधना का प्रभाव तेज़ हो सकता है। अगर वहां वास्तव में तंत्र क्रियाएं होती हैं, तो उनका उद्देश्य शक्ति साधना भी हो सकता है और अंधविश्वास भी।”
प्रशासन के लिए चुनौतीयदि वास्तव में किले में तंत्र साधना जैसी गतिविधियाँ हो रही हैं, तो यह न केवल ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी चिंता का विषय बन सकता है। यह जरूरी है कि प्रशासन इस दिशा में गंभीरता से जांच करे और ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाए।
निष्कर्षनाहरगढ़ किला यूँ तो जयपुर की एक खूबसूरत ऐतिहासिक धरोहर है, लेकिन इसके पीछे छुपे रहस्य आज भी लोगों को आकर्षित करते हैं। क्या यहां आज भी तंत्र साधना होती है? इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन लोक कथाएं, लोगों के अनुभव और किले की रहस्यमयी ऊर्जा इस सवाल को बार-बार जीवित कर देती है।किले की दीवारें चाहे चुप हों, पर उनकी खामोशी में कई अनकही कहानियाँ दबी हो सकती हैं। आने वाले समय में अगर प्रशासन इस दिशा में जांच करता है, तो शायद हमें इस रहस्य का कोई जवाब मिल सके।
You may also like
Rajasthan: किरोड़ी लाल मीणा ने अब इन लोगों के खिलाफ खोल दिया है मोर्चा
Sunil Gavaskar Raises Concerns Over PBKS Recovery Before IPL 2025 Final
IPL 2025 Final: RCB vs PBKS Showdown and Special Closing Ceremony
आईपीएल 2025 : फाइनल में प्रभसिमरन सिंह की पंजाब किंग्स, पिता को बेटे पर फख्र
Vivo V50e 5G ने मचाया तहलका: सेल्फी लवर्स के लिए बना सपना सच!