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केंद्र सरकार की जन धन योजना बेहद लोकप्रिय है। इस योजना में करोड़ों नागरिकों ने खाते खोले हैं। जन धन योजना के तहत, नागरिकों को वित्तीय लेनदेन करने का अधिकार दिया गया है। उनके लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए, जन धन खाता शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री जन धन योजना अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रही है
प्रधानमंत्री जन धन योजना के 10 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इसी के चलते, इस योजना में खाताधारकों का पुनः केवाईसी किया जाएगा। इस योजना के लाभार्थियों के लिए केवाईसी करना अनिवार्य होगा। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी हो जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 1 जुलाई से 30 सितंबर तक जन धन योजना के लाभार्थियों के लिए पुनः केवाईसी करने हेतु शिविर आयोजित कर रहे हैं।
बैंक ग्राहकों को घर-घर जाकर सेवा प्रदान करने के लिए पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित कर रहे हैं। इन शिविरों में नए खाते खोलने, केवाईसी करने और ग्राहकों की शिकायतों के निवारण संबंधी कार्य किए जाएँगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे सूक्ष्म बीमा और पेंशन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
अब तक 55.90 करोड़ से ज़्यादा नागरिकों ने जन-धन खाते खोले हैं। इन सभी नागरिकों को केवाईसी करवाना अनिवार्य है। इसके अलावा, सरकार ने वित्तीय मामलों और बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पहल की है।
जन-धन योजना क्या है?
जन-धन योजना 2014 में शुरू की गई थी। इस योजना को दस साल पूरे हो गए हैं। इस योजना की बदौलत गाँव का हर व्यक्ति बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाना समझ गया है। इस योजना के तहत उनके खाते खोले गए हैं। खाता खुलने के बाद, सरकारी योजनाओं का पैसा इसमें जमा किया जाता है। छोटी बचत योजनाओं और ऋणों का सारा पैसा इसमें जमा किया जाता है। इसके लिए नागरिकों को मुफ़्त रुपे कार्ड भी दिए गए हैं।
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