तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री और डीएमके के प्रमुख उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को पुदुक्कोट्टई में केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी न तो ईडी के छापों से भयभीत है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में आएगी। डीएमके हर कानूनी कार्रवाई का उचित तरीके से सामना करेगी। उदयनिधि ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी राजनीतिक दबाव का विरोध करेगी।
सीएम स्टालिन का दिल्ली दौरा दिल्ली दौरे पर सीएम स्टालिन
उदयनिधि स्टालिन का यह बयान विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके द्वारा उठाए गए सवालों के संदर्भ में था। एआईएडीएमके ने हाल ही में राज्य संचालित शराब निगम टीएएसएमएसी के कार्यालयों पर ईडी की छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की दिल्ली यात्रा पर सवाल उठाए थे। विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की नीति आयोग की बैठक में भागीदारी राज्य के अधिकारों का उल्लंघन है।
नीति आयोग की बैठक में तमिलनाडु की भागीदारी नीति आयोग की बैठक में तमिलनाडु की भागीदारी
नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 31 ने भाग लिया, जबकि कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार और पुडुचेरी ने बैठक का बहिष्कार किया। तमिलनाडु ने बैठक में भाग लिया, और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दिल्ली यात्रा का उद्देश्य राज्य के लिए केंद्रीय धन सुरक्षित करना बताया।
डीएमके की राज्य अधिकारों की रक्षा की प्रतिबद्धता डीएमके की राज्य अधिकारों की रक्षा की प्रतिबद्धता
उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि डीएमके एक आत्मसम्मान वाली पार्टी है, जो पेरियार के सिद्धांतों से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गुलामी की मानसिकता वाली नहीं है और कानूनी तौर पर मामलों का सामना करेगी। उदयनिधि ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की दिल्ली यात्रा का उद्देश्य तमिलनाडु के लिए केंद्रीय धन सुरक्षित करना था, और इस यात्रा को लेकर विपक्षी आरोप निराधार हैं।
स्टालिन की केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग स्टालिन की केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने नीति आयोग की बैठक में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी को 50 प्रतिशत करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य को वादा किए गए 41 प्रतिशत के मुकाबले केवल 33.16 प्रतिशत ही मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को मिलने वाले केंद्रीय धन में वृद्धि से राज्य के विकास में मदद मिलेगी।
राज्य स्वायत्तता को लेकर उच्च स्तरीय समिति का गठन राज्य स्वायत्तता को लेकर उच्च स्तरीय समिति का गठन
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य की स्वायत्तता की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की है। यह समिति राज्य और केंद्र सरकारों के बीच संबंधों की समीक्षा करेगी और राज्य के अधिकारों की रक्षा के उपाय सुझाएगी। समिति जनवरी 2026 में अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश करेगी। यह कदम राज्य की स्वायत्तता की रक्षा के लिए उठाया गया है।
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