भारत-पाकिस्तान संघर्ष: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही लड़ाई समाप्त हो गई है। दोनों देशों ने एक सीजफायर पर सहमति जताई है। हालांकि, भारत की सेना द्वारा पाकिस्तान के 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के बावजूद, पाकिस्तान में जश्न मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान में किस कारण से यह उत्सव मनाया जा रहा है।
हमने लक्षित हमले किए
भारत ने सबूतों के साथ यह साबित किया है कि पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था, जिसे इस्लामाबाद का समर्थन प्राप्त है। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आतंकियों और उनके ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को निशाना बनाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हमने पाकिस्तान के सभी हमलों को विफल कर दिया। नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की कार्रवाई में 35-40 पाकिस्तानी सैनिक और अधिकारी मारे गए।
पाकिस्तान का झूठा दावा
भारतीय सेना ने अपने दावों को साबित करने के लिए तस्वीरों के साथ सबूत भी प्रस्तुत किए हैं। इसके बावजूद, पाकिस्तान अपनी जीत का झूठा दावा कर रहा है। भारत की वायु रक्षा ने पाकिस्तानी हवाई हमलों को नाकाम कर दिया और अपने सभी महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा। लेकिन पाकिस्तान ने एक अलग कहानी गढ़ी है, जिसमें वह यह कह रहा है कि उसने भारत को नुकसान पहुंचाया है। पाकिस्तान के डीजी आईएसपीआर का कहना है कि उसने 26 भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। सवाल यह है कि इसके सबूत कहां हैं?
भारत ने अपने लक्ष्य प्राप्त किए
हम पाकिस्तान से इन सवालों का ईमानदारी से जवाब देने की उम्मीद नहीं कर सकते। यह एक नैरेटिव बनाने का समय है, और पाकिस्तान जख्मों और खून बहने के बावजूद जश्न मना रहा है। इस सबके बीच, भारत गर्व से खड़ा है। उसने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से अपने तीन प्रमुख लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है।
You may also like
कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए बयान और महिला आयोग का समन मिलने पर प्रोफेसर अली खान ने कहा- मैंने कुछ भी गलत नहीं...
चैंपियंस ट्रॉफी 2025: ये 5 खिलाड़ी कर सकते हैं क्रिकेट को अलविदा
टूरिस्ट फैमिली: बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन
भारत में फांसी की सज़ा: जल्लाद की भूमिका और नियम
पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु: एक रहस्यमय कहानी