हिसार में तिरंगा यात्रा का भव्य आयोजन: हिसार की सड़कों पर तिरंगे की शान एक बार फिर से देखने को मिली, जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के उपलक्ष्य में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया।
किरण चौधरी की हिम्मत
यह यात्रा न केवल देशभक्ति का प्रतीक बनी, बल्कि एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह भी बनी। राज्यसभा सांसद किरण चौधरी, जो इस यात्रा का नेतृत्व कर रही थीं, अचानक चक्कर आने के कारण गिर गईं। लेकिन उनके साहस और देशप्रेम ने सभी का दिल जीत लिया।
तिरंगा यात्रा का मार्ग
हिसार में आजादी के रंगों को और गहरा करने के लिए तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा आजाद नगर के दमकल केंद्र से शुरू होकर लघु सचिवालय के पास शहीद स्मारक पर समाप्त हुई।
प्रतिभागियों की संख्या
इस दौरान हजारों लोग तिरंगा लिए सड़कों पर उतरे। यात्रा में कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा, विधायक सावित्री जिंदल, विधायक रणधीर पनिहार, विधायक विनोद भ्याना, पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और मेयर गौतम सरदाना जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए। भाजपा के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने इस आयोजन को यादगार बनाया।
किरण चौधरी का साहस
राज्यसभा सांसद किरण चौधरी इस तिरंगा यात्रा की मुख्य संयोजक थीं। हालांकि, उनके पैर में पहले से ही चोट थी, जिसके कारण वह लंगड़ाते हुए कार्यक्रम में पहुंची थीं। मंच से अपने संबोधन में उन्होंने इस चोट का जिक्र किया और कहा, “मैं भले ही ज्यादा दूर न चल सकूं, लेकिन मेरा दिल तिरंगे के साथ है।”
ऑपरेशन सिंदूर का जश्न
यह तिरंगा यात्रा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाने के लिए आयोजित की गई थी। इस ऑपरेशन ने देश की सुरक्षा और गौरव को और मजबूत किया है। हिसार के लोगों ने इस मौके पर एकजुट होकर देशभक्ति का परिचय दिया।
समापन समारोह
शहीद स्मारक पर आयोजित समापन समारोह में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और देश के लिए उनके बलिदान को याद किया गया। इस दौरान किरण चौधरी की घटना ने सभी को चिंतित किया, लेकिन उनकी त्वरित रिकवरी ने राहत की सांस दी।
देशभक्ति का नया रंग
हिसार की यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि देशप्रेम और एकता का प्रतीक थी। स्थानीय लोगों ने इस मौके पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
किरण चौधरी का प्रेरणादायक व्यक्तित्व
किरण चौधरी का यह हादसा भले ही चिंताजनक था, लेकिन उनकी हिम्मत और समर्पण ने सभी को प्रभावित किया। चोट के बावजूद उन्होंने तिरंगा यात्रा में हिस्सा लिया और अंत तक अपना कर्तव्य निभाया।
एक यादगार दिन
हिसार की यह तिरंगा यात्रा न केवल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उत्सव थी, बल्कि एकता और देशभक्ति का प्रतीक भी बनी। किरण चौधरी की छोटी सी घटना ने इस आयोजन को और चर्चा में ला दिया।
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