एक चलती हुई ट्रेन में हुई एक मामूली कहासुनी किसी की जान ले लेगी, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। बागपत के एक 25 वर्षीय युवक आसिफ के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, जो दिल्ली से काम करके अपने घर लौट रहा था।
आसिफ दिल्ली की एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करके अपने परिवार का पेट पालता था। हमेशा की तरह, वह दिल्ली-सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन से घर लौट रहा था, ताकि अपने परिवार के साथ कुछ वक्त बिता सके। लेकिन उसे क्या पता था कि यह उसका आखिरी सफर होगा।
ट्रेन में रास्ता मांगने को लेकर कुछ दबंग युवकों से उसकी मामूली बहस हो गई। यह बहस इतनी बढ़ी कि उन युवकों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। उन्होंने चलती ट्रेन के डिब्बे में ही आसिफ को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। वे उसे तब तक मारते रहे जब तक वह अधमरा होकर नीचे नहीं गिर गया।
जब ट्रेन बड़ौत स्टेशन पर रुकी, तो किसी तरह उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जो बेटा अपने घर खुशियां लेकर लौट रहा था, उसकी मौत की खबर ने परिवार पर गम का पहाड़ तोड़ दिया। इस घटना ने एक बार फिर ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा पर एक बहुत बड़ा और गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।
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