अभी गर्मी का मौसम चल रहा है। जब तापमान 45 डिग्री को पार कर जाता है तो लोग ठंडक पाने के लिए तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं। गर्मी में ठंडक पाने के लिए लोग घर को ठंडा रखने के लिए एसी, कूलर और खिड़कियों पर पानी का छिड़काव करते हैं। गर्मी के मौसम में लू लगने और चक्कर आने जैसी समस्याओं से बचने के लिए कुछ लोग अक्सर अपने दिमाग को ठंडा रखने के लिए मेंहदी का प्रयोग करते हैं। क्या गर्मी में बालों में बार-बार मेहंदी लगाने से शरीर को ठंडक मिलती है या नुकसान पहुंचता है? गर्म मौसम में बालों में बार-बार मेहंदी लगाने से प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
बालों को काला और लाल करने के लिए प्राकृतिक रंग के रूप में मेंहदी को अधिक प्रभावी माना जाता है। लेकिन गर्मी के मौसम में इसका बालों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बार-बार मेहंदी लगाने से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। हम आपको बताएंगे कि गर्मी के मौसम में बालों में बार-बार मेहंदी लगाने से क्या नुकसान होता है।
सूखापन और भंगुरता: गर्मियों के दौरान बालों पर मेंहदी का अत्यधिक उपयोग करने से बाल अत्यधिक सूखे हो जाते हैं। इसमें मौजूद टैनिन बालों से प्राकृतिक तेल छीन लेते हैं, जिससे बाल शुष्क और भंगुर हो जाते हैं। शुरुआत में बाल चिकने हो सकते हैं, लेकिन मेंहदी के लगातार उपयोग से बालों की नमी खत्म हो सकती है, जिससे बालों के टूटने और दोमुंहे होने का खतरा बढ़ जाता है।
बालों की बनावट में परिवर्तन: मेंहदी के नियमित उपयोग से बालों की प्राकृतिक बनावट में परिवर्तन आ सकता है। जिनके बाल स्वाभाविक रूप से मुलायम और रेशमी होते हैं, वे समय के साथ रूखे और शुष्क लगने लगते हैं। मेंहदी बालों के तने पर अपना रंग लगाती है, जिससे बाल घने दिखते हैं।
नीचे से बाल टूटना: यह गलत धारणा है कि मेंहदी बालों को मजबूत बनाती है, लेकिन इसका अधिक उपयोग विपरीत प्रभाव डाल सकता है। मेंहदी का सूखापन बालों के तने को कमजोर कर सकता है, जिससे बाल भंगुर हो जाते हैं और टूटने लगते हैं। लगातार उपयोग से बाल पतले हो सकते हैं और झड़ने लगते हैं, क्योंकि सिर की त्वचा अपनी प्राकृतिक नमी और पोषण को बरकरार रखने में असमर्थ हो जाती है।
मेंहदी से एलर्जी: यद्यपि मेंहदी एक प्राकृतिक उत्पाद है, फिर भी कुछ व्यक्तियों में इससे एलर्जी होने की बात सामने आई है। इसके लगातार संपर्क में रहने से सिर पर जलन, लालिमा, खुजली और चकत्ते भी हो सकते हैं। कुछ लोगों में यह सम्पर्क त्वचाशोथ (कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस) का कारण बन सकता है, जो त्वचा में सूजन की एक स्थिति है। संवेदनशील सिर वाले लोगों में इसकी प्रतिक्रिया अधिक हो सकती है, इसलिए मेंहदी लगाने से पहले हर बार पैच टेस्ट करना महत्वपूर्ण है।
मेंहदी के लगातार उपयोग का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे बालों को कृत्रिम रंगों से रंगना लगभग असंभव हो जाता है। मेंहदी की परत एक अवरोध पैदा करती है जो रासायनिक रंगों को बालों में प्रवेश करने से रोकती है। कृत्रिम बालों का रंग बदलने की कोशिश करने पर अप्रत्याशित रंग जैसे हरा या नारंगी रंग उत्पन्न हो सकता है।
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