सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। बीते कुछ समय से यह तेजी रुकने का नाम नहीं ले रही है। सिर्फ एक महीने में सोने की कीमत में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि तीन महीने में यह करीब 22 प्रतिशत महंगा हो चुका है। पिछले एक वर्ष की बात करें तो सोने की कीमत में लगभग 31 प्रतिशत की उछाल आई है। इस बढ़ती कीमत ने उन परिवारों की चिंता बढ़ा दी है, जिनके घरों में शादी-ब्याह जैसे आयोजन हैं।
कहां पहुंची सोने की कीमत?इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत में ₹628 की वृद्धि हुई और यह ₹95,207 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं, 22 कैरेट सोने की कीमत ₹87,210 प्रति 10 ग्राम पर दर्ज की गई। दूसरी ओर, चांदी की कीमत में ₹936 की गिरावट दर्ज की गई है और यह ₹95,639 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।
कीमतों में तेजी की वजह क्या है?अंतरराष्ट्रीय व्यापार तनाव: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के चलते वैश्विक बाजार में अस्थिरता का माहौल है।
आर्थिक मंदी की आशंका: वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत मिल रहे हैं, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनियाभर के केंद्रीय बैंक लगातार सोने की खरीद कर रहे हैं, जिससे मांग और कीमत में इजाफा हो रहा है।
ETF निवेश में तेजी: एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में सोने की खरीदारी भी बढ़ी है।
अमेरिकी नीतियां: सेमीकंडक्टर, फार्मा और मिनरल्स के आयात पर संभावित नए टैरिफ को लेकर बाजार में बेचैनी है।
गोल्डमैन सैक्स जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी अनुमान लगा रही हैं कि अगर वर्तमान हालात जारी रहे तो इस साल सोने की कीमत ₹1,10,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
क्या कीमतों में गिरावट की उम्मीद है?बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक समझौता नहीं होता या वैश्विक हालात नहीं सुधरते, तब तक सोने की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। कमोडिटी विशेषज्ञ अजय केडिया के अनुसार, सोना फिलहाल 6 से 8 महीने तक सीमित दायरे में रहेगा। अगर कीमतें गिरती हैं तो यह ₹78,000 से ₹80,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकती है, वहीं तेजी जारी रही तो यह ₹1,02,000 तक पहुंच सकता है।
महंगे सोने के बीच कैसे करें खरीदारी?सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद वेडिंग सीजन में इसकी मांग पूरी तरह बंद नहीं हुई है, लेकिन उपभोक्ता सतर्क हो गए हैं।
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लोग अब 24 कैरेट के बजाय 18 और 14 कैरेट की जूलरी खरीद रहे हैं।
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सीमित और जरूरी गहनों की खरीद पर जोर है।
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हीरे और दूसरे विकल्पों की मांग में भी इजाफा देखा जा रहा है।
जब तक बाजार स्थिर नहीं होता, तब तक खरीदारी में यह सतर्कता जारी रहने की संभावना है।
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