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नवरात्रि व्रत पारण विधि: जानिए कब और कैसे खोलें व्रत

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नवरात्रि व्रत पारण विधि: जानिए कब और कैसे खोलें व्रत

चैत्र नवरात्रि अब अपने समापन की ओर है। यह पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलता है। नौ दिनों तक माता दुर्गा की उपासना और उपवास करने के बाद भक्त नवमी या दशमी तिथि को व्रत का पारण करते हैं। व्रत खोलने से पहले मां दुर्गा की विशेष पूजा और कन्या पूजन किया जाता है। कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें भेंट दी जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है। यदि आपने भी नवरात्रि के नौ दिन उपवास किया है, तो जानिए व्रत खोलने का सही समय और विधि क्या है।

चैत्र नवरात्रि व्रत पारण का समय

पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 5 अप्रैल की रात 7 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 6 अप्रैल की रात 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। जो भक्त नवमी के दिन व्रत का पारण करना चाहते हैं, वे नवमी तिथि के दौरान हवन और कन्या पूजन करने के बाद 6 अप्रैल की शाम 7:30 बजे के बाद व्रत खोल सकते हैं।

यदि आप सोमवार का व्रत भी रखते हैं, तो नवमी तिथि की रात में व्रत का पारण अवश्य करें। धर्मशास्त्रों के अनुसार, एक व्रत का संकल्प पूरा होने के बाद ही दूसरा व्रत रखना चाहिए।

दशमी तिथि को व्रत पारण

जो लोग सोमवार का व्रत नहीं रखते हैं, वे नवरात्रि के नौ दिन उपवास करने के बाद दशमी तिथि पर व्रत का पारण कर सकते हैं। इस वर्ष 7 अप्रैल को दशमी तिथि है, और इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। इस दिन सुबह स्नान करके पूजा करें, माता को भोग लगाएं और फिर प्रसाद के रूप में हलवा या खीर ग्रहण करके व्रत खोलें।

व्रत खोलने की सही विधि

नवरात्रि व्रत का पारण तभी पूर्ण माना जाता है जब हवन और कन्या पूजन किया जाए। इसके लिए पहले मां दुर्गा की पूजा करें और उन्हें हलवा, पूरी और खीर का भोग लगाएं। फिर 9 छोटी कन्याओं को भोजन कराएं, उन्हें उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। इसके बाद स्वयं हलवा या खीर खाकर व्रत खोलें।

ध्यान रखें कि व्रत पारण के समय नमक से बना भोजन सीधे न करें। व्रत खोलते समय हमेशा सात्विक भोजन ही ग्रहण करें ताकि व्रत का पुण्य फल पूर्ण रूप से प्राप्त हो।

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