देवभूमि उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह सात बजे विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी वहां मौजूद थे। पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार और श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच कपाट खोल दिए गए हैं।
इससे पहले गुरुवार को बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव यात्रा केदारनाथ धाम पहुंची. बाबा के दर्शन के लिए 15 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके थे और गुरुवार सुबह जैसे ही पट खुले, पूरा मंदिर ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर बाबा केदार के मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया।
पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा तैयारियों का लिया जायजा
इससे पहले गुरुवार को राज्य के डीजीपी दीपम सेठ और अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन ने बदरीनाथ और केदारनाथ धाम का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था और अन्य तैयारियों का मौके पर निरीक्षण किया।
इस बार केदारनाथ यात्रा में भीड़ नियंत्रण के लिए टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है, जो पहले दिन से ही प्रभावी होगा। डीजीपी ने टोकन काउंटरों की संख्या बढ़ाने, पीए सिस्टम के जरिए यात्रा की जानकारी देने और स्क्रीन पर स्लॉट व नंबर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एटीएस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती को सुव्यवस्थित करने की भी बात कही।
फ़ोन प्रतिबंध
उल्लेखनीय है कि केदारनाथ में श्रद्धालुओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। केदारनाथ मंदिर परिसर के 30 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति नहीं है। रील या फोटोशूट करते पकड़े जाने पर मोबाइल फोन जब्त कर लिया जाएगा और 5 हजार तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। हर साल सर्दियों में बर्फबारी के कारण बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ग्रीष्म ऋतु आते ही मंदिर के कपाट पुनः खोल दिए जाते हैं और बाबा केदार भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
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