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हिमाचल सरकार ने बेरोजगारों के लिए खोला नौकरियों का पिटारा, कई विभागों में भरे जाएंगे खाली पद

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मंत्रिमंडल के समक्ष हिम केयर योजना को लेकर प्रस्तुति में खामियों के चलते वापस लौटा दी गई। इसी तरह से होटल वाइल्ड फ्लावर हाल टेंडर डाक्यूमेंट(निविदा दस्तावेज)पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया।

इससे जुड़ी प्रस्तुति भी खामियां दूर करके अधिकारियों को अगली बैठक में लाने के लिए निर्देशित किया गया है। लेकिन सचिवालय के समिट हाल में आयोजित मंत्रिमंडल बैठक में सरकार ने प्रदेश के बेरोजगारों के लिए सरकारी नौकरियों का द्वार खोला है।

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न सरकारी विभागों में 1135 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पशु मित्र नीति-2025 को मंजूरी दी गई। इस नीति के अंतर्गत पशुपालन विभाग में मल्टी टास्क वर्कर (पशु मित्र) के 1,000 पद भरे जाएंगे।

पुस्तकालयों के संचालन के लिए भरे जाएंगे इतने पद

सरकारी स्कूलों में पुस्तकालयों को सुदृढ़ करने व सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (पुस्तकालय) के 100 पद भरने को मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त राजस्व विभाग में वरिष्ठ सहायक के 10 पद तथा जूनियर आफिस असिस्टेंट (आईटी) के 15 पद, हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण, हमीरपुर में विभिन्न श्रेणियों के पांच पद व आयुष विभाग में बैचवाइज आधार पर आयुर्वेदिक फार्मेसी अधिकारी के पांच पद भरने का निर्णय लिया गया है।

इन योजनाओं को भी मिली मंजूरी

शिमला जिला में माता तारा देवी मंदिर के साथ लगते वन क्षेत्र को शिमला विकास योजना के तहत हरित क्षेत्र के अंतर्गत लाने का भी निर्णय लिया है ताकि इस क्षेत्र का सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में कुल्लू जिले के निरमंड विकास खंड में पशु चिकित्सा औषधालय सराहन का नाम बदलकर पशु चिकित्सा औषधालय बागा-सराहन करने को भी मंजूरी प्रदान की गई।

मंत्रिमंडल बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान व पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह मीडिया प्रतिनिधियों को बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए। बैठक में राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी मौजूद नहीं थे।

चारे के लिए अब 1200 रुपये मिलेंगे

राज्य के गौसदनों में गौवंश के लिए चारा पर दिए जाने वाले अनुदान को प्रति गौवंश 700 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया गया। प्रदेश सरकार के पास ऐसी लगातार ऐसी जानकारी आ रही थी कि चारे की धनराशि से पशु को पूरा आहार नहीं मिल रहा है। जिसे देखते हुए सरकार ने चारे के लिए 500 रुपये की वृद्धि की।

लंबे समय से लटकी मांग पूरी हुई

आपरेशन थियेटर सहायकों के मासिक मानदेय को 17,820 रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने तथा रेडियोग्राफरों व एक्स-रे तकनीशियनों के मासिक मानदेय को 13,100 रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है। सहायकों व तकनीशियनों की लंबे समय से मांग चली आर रही थी, जिसे सरकार ने पूरा किया।

कारपोरेट हाउस जंगल विकसित करने की जिम्मेदारी उठाएंगे

राज्य में क्षरित वन क्षेत्रों में कार्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत निजी उद्यमियों द्वारा वृक्षारोपण के लिए मुख्यमंत्री ग्रीन अडाप्शन योजना को मंजूरी दी गई। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कारपोरेट हाउस कंपनियों को जंगल विकसित करने की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रत्येक कंपनी को पौध रोपण करने के साथ-साथ उस क्षेत्र में वनीकरण को विकसित करना होगा।

सड़क से गुजरते हुए कोई भी भवन मालिक व्यू नहीं रोक पाएगा

नगर निगम शिमला में घाटी की ओर भवनों के निर्माण को प्रतिबंधित करने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम नियोजन नियम, 2014 में संशोधन को मंजूरी दी गई। घाटी के सौन्दर्यीकरण को संरक्षित रखने के लिए नए प्रावधान के अनुसार निर्माण कार्य सड़क स्तर से कम से कम एक मीटर नीचे होने चाहिए। शिमला शहर में इस निर्णय को सख्ती से लागू किया जाएगा। केवल पहाड़ी की ओर ही नियमानुसार अधिक मंजिला भवन बन सकेंगे और सड़क के नीचे ही नया भवन रहेगा।

500 करोड़ की योजना

बैठक में राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना-2023 के तहत ई-टैक्सियों को किराए पर लेने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश तैयार करने को भी स्वीकृति दी गई। प्रदेश सरकार की ओर से इस योजना के लिए 500 करोड़ निर्धारित किए गए हैं। बेरोजगारों को ई-टैक्सी खरीदने के लिए सरकार की ओर से ऋण का आधा हिस्सा उठाया जाएगा। चालक कोई दूसरा नहीं रखा जा सकेगा।

डिजाइन विंग के एसडीओ के लिए निकला प्रमोशन का रास्ता

हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में डिजाइन विंग का सिविल विंग में विलय करने पर अपनी सहमति प्रदान की। इससे विभाग की कार्यशैली सुव्यवस्थित और दक्ष होगी। डिजाइन विंग के 15 एसडीओ के लिए पदोन्नति चैनल नहीं था। इन अधिकारियों की वरिष्ठता भी सुनिश्चित नहीं थी। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से डिजाइन विंग के अभियंताओं के लिए पदोन्नति का रास्ता निकला है। विभाग में अन्य सभी सिविल अभियंता हैं।

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