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एक गलती और 2 मैडम का जीवन बर्बाद.सरकारी नौकरी भी गई और परिवार भी टूटने की कगार पर

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राजस्थान में हुए वनरक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले (rajasthan forest guard recruitment exam paper leak case) में एसओजी (Special Operations Group) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो महिला अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है।

जांच में खुलासा हुआ कि परीक्षा से पहले दलालों के जरिए लाखों रुपये लेकर इन्हें प्रश्नपत्र पढ़ाया गया था।

राजस्थान वनरक्षक पेपर लीक में चौंकाने वाला पर्दाफाश

राजस्थान एसओजी को सूचना मिली थी कि 13 नवंबर 2022 को हुई वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 का प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो चुका था। इसके बाद एसओजी ने बांसवाड़ा के राजतालाब थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की गहराई से छानबीन के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

12 लाख में खरीदा पेपर…लेकिन अब तो नौकरी भी गई

पिछले हफ्ते एसओजी ने बाड़मेर में एक पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और कांग्रेस के पूर्व पार्षद को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उसने कबूला कि दो महिला अभ्यर्थियों-सीमा कुमारी और टिमो कुमारी-को परीक्षा से पहले पेपर पढ़वाया गया था। इसके बदले में उनसे 6-6 लाख रुपये वसूले गए थे।

बाड़मेर पुलिस और एसओजी टीम ने किए खुलासे

बाड़मेर पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने दोनों महिला अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। शुरुआती पूछताछ में इन दोनों ने पेपर पहले से पढ़ने की बात से इनकार किया, लेकिन जब साक्ष्य उनके सामने रखे गए, तो वे सच उगलने पर मजबूर हो गईं।

राजस्थान का यह है बड़ा रैकेट

जांच जारी एसओजी को संदेह है कि इस पेपर लीक मामले में कई अन्य अभ्यर्थी और दलाल भी शामिल हो सकते हैं। गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी नरेश देव उर्फ एनडी सारण को अदालत में पेश कर 1 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अधिकारियों का मानना है कि पूछताछ के दौरान अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं।

सरकारी परीक्षाओं की निष्पक्षता पर सवाल

यह मामला राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। एसओजी अब यह पता लगाने में जुटी है कि पेपर लीक का असली मास्टरमाइंड कौन है और यह गिरोह कितने बड़े स्तर पर सक्रिय था। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है।

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