गर्मी का मौसम अपने चरम पर है। सूरज चाचू कुछ ज्यादा ही आग बरसा रहे हैं, ऐसे में आम लोग ही नहीं बल्कि खास लोग भी गर्मी से परेशान है। तपती धूप और गर्मी से राहत पाने के लिए जाने-माने सेलेब्स बता रहे हैं अपने -अपने तरीके, साथ ही वे अपनी गर्मियों की छुट्टियों की मीठी यादें ताजा करना नहीं भूलते। पचास डिग्री की जानलेवा गर्मी में भी शूटिंग कर चुका हूं: रजनीश दुग्गलसच कहूं तो मुझे लगता है कि गर्मी या सर्दी का महसूस होना आपके दिमाग पर निर्भर करता है। मैंने एक पहेली लीला की शूटिंग रेगिस्तानों में 50 डिग्री के तापमान में की थी, तो पिछली गर्मियों में मैं भोपाल में सायरा खान केस की शूटिंग कर रहा था, तब वहां 47 डिग्री टेम्प्रेचर था। मगर मैं मानता हूं कि इस मौसम में हमें अपने खानपान का खास खयाल रखना चाहिए। मैं समर सीजन में आम तौर पर प्लेन टी शर्ट और शॉर्ट्स पहनना पसंद करता हूं। बाहर जाना हो तो लूज जींस और लिनन की शर्ट्स पर पसंद उतारता हूं। शूटिंग पर हाइड्रेट रहने के लिए कोकम का शरबत, लस्सी या छाछ ज्यादा बेहतर लगती है। मैं तो यही कहूंगा कि गर्मी से राहत पाने के लिए खीरा, नींबू पानी, नारियल पानी का सेवन करते रहिए। गर्मी की छुट्टियों की सबसे मीठी याद वो है, जब हम अपनी बुआ की मेटाडोर में ठूंस-ठूंस कर सभी कजंस हरिद्वार, मनाली या मसूरी जाया करते थे। तब आइसक्रीम खाना और अंताक्षरी खेलना भी काफी बड़ा आयोजन लगता था। आज तो खैर मोबाइल ने वो सारी छोटी-छोटी खुशियां छीन ली हैं। अब कहीं जाओ भी तो लोग मोबाइल में ही लगे रहते हैं। गर्मी में चिया सीड की पुडिंग और नारियल पानी का सेवन: शुभांगी अत्रेमुझे वैसे भी हलके कर ठंडे रंग पसंद आते है, तो भयंकर गर्मी के इस मौसम में ये मेरे पसंदीदा बने हुए हैं। हमारे सीरियल भाबी जी घर पर हैं की शूटिंग नायगांव में होती है और वहां अक्सर बिजली चली जाती है, तो गर्मी की समस्या बनी रहती है। ऐसे मौसम में मैं नारियल पानी और छाछ का सेवन खूब करती हूं। मुझे लगता है हीट को बीट करने के लिए तरबूज और खरबूज जैसे मौसमी फल काफी फायदेमंद होते हैं और मैं वही खाती हूं। जहां तक खुद को धूप से प्रोटेक्ट करने की बात है, तो मेरे लिए गर्मियों में सनस्क्रीन लगाना मस्ट होता ही है, मगर कई बार मैं छतरी कैरी करने से भी गुरेज नहीं करती। गर्मी में मैं बहुत सारा लिक्विड और हल्का-फुल्का फूड लेना पसंद करती हूं। जैसे मैं चिया सीड की पुडिंग बना लेती हूं। मैंगो शेक लेती हूं। नारियल पानी में नेचुरल सनस्क्रीन होता है। जहां तक मेरी समर मेमरीज की बात है, तो मैं मध्य प्रदेश से हूं और वहां काफी भयानक गर्मी पड़ती है। मेरा बर्थडे भी गर्मियों में ही आता है। मुझे याद है हम लोग गर्मियों की छुट्टियों में दादा-दादी के घर जाते थे और वहां हम लोग खिड़की-दरवाजों पर खस या घास के पर्दे लगाया करते थे। उन पर्दों पर पानी का छिड़काव हुआ करता था और पूरा कमरा ठंडा हो जाता था। तपती दोपहर में खस की चटाई की महक आज भी याद है : नील समर्थहां, मैंने निश्चित रूप से अपनी अलमारी को अपडेट करना शुरू कर दिया है। वाकई गर्मी कितनी बढ़ती जा रही है। अब मेरे वॉर्डरोब में हल्के कपड़े, ढीले-ढाले कपड़े और ढेर सारे सफेद और पेस्टल रंग जुड़ने लगे हैं। यह बहुत थका देने वाला मौसम होता है। सूरज वास्तव में आपकी ऊर्जा को खत्म कर सकता है। मैं हाइड्रेटेड रहने की पूरी कोशिश करता हूं। नारियल पानी मेरी दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। मैं सनस्क्रीन लगाना भी कभी नहीं भूलता, हवादार कपड़े पहनता हूं और जब भी संभव हो, मैं छाया में रहता हूं या शॉट्स के बीच ऐसी के सामने आराम करता हूं और हां, एक अच्छा धूप का चश्मा और एक कैप बहुत जरूरी है। मुझे तरबूज जैसे फल खाना बहुत पसंद करता हूं और दही से बने आइटम। गर्मी की छुट्टियों की कई प्यारी यादें है, जब हम दिन भर खेलकूद में मस्त रहते थे। दोपहर के खाने के बाद छककर आम खानाऔर बुने हुए खस की चटाई की महक का आनंद लेते हुए कूलर के नीचे सोना। वे वाकई सुनहरे दिन थे। मैं अभी भी उनके बारे में सोचकर उदास हो जाता हूं। गर्मी में आइसक्रीम खाने का अच्छा बहाना मिल जाता है: गुलफाम खान गर्मी मेरी पसंदीदा मौसम नहीं है, मगर इस मौसम के साथ जीना तो पड़ता ही है। मगर जब मैं छोटी थी, तब गर्मी मुझे इतना परेशान नहीं करती थी। मुझे याद है, मेरी बड़ी अम्मी (ताई) का अंधेरी वेस्ट में एक बहत बड़ा बंगला हुआ करता था और तब मोर या हिरन जैसे पशु-पक्षियों को गैरों या फार्म पर रखना गैर कानूनी नहीं था। तब मैं गर्मी की छुट्टियों में ताई के बंगले पर जाकर इन्हें देखने का कौतूहल बहुत अलग होता था। मैं वहां सफेद चूहों, खरगोश, हिरण और मोर के साथ खेला करती थी। अब तो खैर वो महज एक सुनहरी याद है। मगर अब गर्मी मुझे कुछ ज्यादा ही लगती है, तो मैं इस मौसम में खास ख़याल रखती हूं। हलके-फुलके कपड़े पहनना, जितना हो सके पानी पीना और खुद को धूप से बचाना, ये जरूर करती हूं। गर्मी से राहत पाने के लिए जी भर कर आइसक्रीम खाने का बहाना मिल जाता है। मैं आम, नारियल पानी, साबूदाना और मॉकटेल जरूर लेती हूं। गर्मियों के लिए गोंद कतीरा और चिया सीड का शरबत: मून बनर्जीमैं गर्मियों के लिए हमेशा तैयार रहती हूं। मैं सूती और लिनन के कपड़ों को प्राथमिकता देती हूं। मैंने नोटिस किया है कि स्वाभाविक रूप से गर्मियों में लिक्विड का मेरा इनटेक बढ़ जाता है। छाछ, नींबू और नारियल पानी आम हो जाता है, मगर साथ ही मैं चिया सीड्स और गोंद कतीरा का एक खास शरबत बनाती हूं, जो मुझे गर्मी की हाय-हाय से राहत देता है। मुझे इस मौसम में हलके-फुलके मसाले और घी की बाजरे की खिचड़ी भाती है। जितना हो सके मैं खुद को हाइड्रेट रखने की कोशिश करती हूं। आपको एक मजेदार बात बताऊं, मैं अप्रैल की पैदाइश हूं, मेरी मां भी और बेटी भी, तो आप समझा सकते हैं कि गर्मियां हमारे लिए सेलिब्रेशन का मौका भी होती हैं। कोलकाता जाना और ढेर सारे आम खाना हमारी गर्मियों की छुट्टियों का बहुत बड़ा आकर्षण हुआ करता था। शॉट्स के बीच में गुलाब जल का स्प्रे राहत देता है: अनुपमा सोलंकीगर्मियों में हवादार कपड़े, पेस्टल शेड्स और आरामदायक कॉटन के कपड़े पहनने का मौसम सबसे अच्छा होता है। इस बार, मैंने कुछ फ्लोरल कुर्तियां, क्यूट को-ऑर्डर सेट और ओवरसाइज़्ड सनग्लासेस चुने हैं, ताकि माहौल गर्मियों जैसा और मजेदार बना रहे। मैं दिन भर ढेर सारा नारियल पानी और नींबू पानी पीती हूं, साथ ही, मैं कभी भी सनस्क्रीन, कैप या स्कार्फ़ और अपने चश्मे के बिना बाहर नहीं निकलती। और मैं अपने बैग में थोड़ा गुलाब जल स्प्रे रखती हूं, बस शॉट्स के बीच में थोड़ा सा स्प्रे करने से मैं फिर से तरोताजा महसूस करती हूं। मैं उन गर्मियों की दोपहर को कैसे भूल सकती हूं जब हम सीधे फ़्रिज से आम खाते थे और फिर चिपचिपे हाथों से इधर-उधर भागते थे और वो लंबे समय तक बिजली कटौती, एक हाथ में हैंडमेड कागज का पंखा और दूसरे हाथ में मां बनाया हुआ का बनाया हुआ आम पना लेकर पंखे के नीचे बैठना, हाये, वो शुद्ध पुरानी यादें। धूप से बचने के लिए डबल सनस्क्रीन लगाती हूं: रुखसार रहमानगर्मियों में शूटिंग करना वाकई बहुत थका देने वाला होता है यही वजह है कि मैं डबल सनस्क्रीन लगाना सुनिश्चित करती हूं। खूब पानीऔर नारियल पानी पीती हूं। हाइड्रेट रहना बहुत ज़रूरी है। आम तौर पर, मैं बहुत सादा खाना खाती हूं, दाल-दही चावल, ब्राउन राइस खिचड़ी, क्विनोआ, उबली हुई सब्जियां और ढेर सारे फल। ओह, बचपन की बहुत सारी यादें हैं। ठंडे पानी से भरे वो मिट्टी के बर्तन कमाल के होते थे- पानी का स्वाद बहुत ताज़ा होता था! हम अपने नाना के आम के बगीचे में जाते थे। मुझे याद है कि मैं बड़े, गोल लोहे के टब में नहाती थी, आम खाती थी, पेड़ों पर झूलती थी- वो पल मुझे बहुत याद आते हैं और मैं उन्हें कभी नहीं भूलूंगी।
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