नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर से विदेश मंत्री एस जयशंकर पर बुरी तरह भड़क गए हैं। इस बार उन्होंने एस जयशंकर को विदेश नीति को लेकर जमकर खरी-खोटी सुनाई है। दरअसल, चीनी राष्ट्रपति से विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मुलाकात के दौरान हुई बातचीत पर राहुल गांधी बुरी तरह नाराज हो गए। इसके बाद वे पूरी तरह हमलावार हो गए। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि विदेश मंत्री वहां ठोस संवाद नहीं बल्कि पूरी तरह से सर्कस चलाने गए हैं।
जयशंकर भारत की विदेश नीति को नष्ट करने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं। राहुल गांधी ने इसे पूरी तरह से 'तमाशा' बताया है। राहुल गांधी का मानना है कि इससे भारत की विदेश नीति को नुकसान हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे विदेश मंत्री सर्कस चला रहे हैं।
जयशंकर की किस बात पर भड़के राहुल गांधी?
दरअसल, इकॉनोमिक टाइम्स के अखबार का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर पर निशाना साधा। दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद उन्हें द्विपक्षीय संबंधों में हालिया डेवलपमेंट को लेकर अवगत कराया था। इसके अलावा एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शी जिनपिंग को शुभकामनाएं भी दे दी ।
इतना ही नहीं, इसके बाद फिर जयशंकर ने अपने X हैंडल पर भी एक पोस्ट साझा कर दी और उसमें लिखा कि आज सुबह बीजिंग में अपने साथी SCO विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं पहुंचाईं। राष्ट्रपति शी को हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हाल ही में हुए विकास से अवगत कराया। जयशंकर के इस पोस्ट के बाद राहुल गांधी बुरी तरह भड़क गए
विदेश मंत्री पूरी तरह से सर्कस चला रहे
राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि मुझे लगता है कि चीनी विदेश मंत्री आएंगे और मोदी को चीन-भारत संबंधों में हाल के घटनाक्रमों से अवगत कराएंगे। विदेश मंत्री अब भारत की विदेश नीति को नष्ट करने के उद्देश्य से एक पूरी सर्कस चला रहे हैं।
भारत और चीन के बीच इन मुद्दों पर हुई बात
बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बीजिंग में व्यस्त राजनयिक कार्यक्रम था। सोमवार को उन्होंने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक रोडमैप पर चर्चा की। आपसी सम्मान और दीर्घकालिक सोच के महत्व पर जोर देते हुए, जयशंकर ने कहा कि आज शाम बीजिंग में पोलित ब्यूरो सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी के साथ विस्तृत बातचीत हुई। द्विपक्षीय संबंधों के लिए दूरदर्शी दृष्टिकोण और एक स्थिर एवं रचनात्मक संबंध बनाने की आवश्यकता पर बात की।
भारत की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने आगे कहा कि सीमा से जुड़े पहलुओं पर ध्यान देना, लोगों के बीच आदान-प्रदान को सामान्य बनाना और प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों व बाधाओं से बचना हमारी जिम्मेदारी है। मुझे विश्वास है कि आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता की नींव पर, संबंध सकारात्मक दिशा में विकसित हो सकते हैं। जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों में स्पष्ट सुधार का उल्लेख किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उनकी यात्रा के दौरान होने वाली बातचीत संबंधों को आगे बढ़ाएगी। जयशंकर ने चीन की एससीओ अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की।
जयशंकर भारत की विदेश नीति को नष्ट करने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं। राहुल गांधी ने इसे पूरी तरह से 'तमाशा' बताया है। राहुल गांधी का मानना है कि इससे भारत की विदेश नीति को नुकसान हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे विदेश मंत्री सर्कस चला रहे हैं।
जयशंकर की किस बात पर भड़के राहुल गांधी?
दरअसल, इकॉनोमिक टाइम्स के अखबार का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर पर निशाना साधा। दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद उन्हें द्विपक्षीय संबंधों में हालिया डेवलपमेंट को लेकर अवगत कराया था। इसके अलावा एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शी जिनपिंग को शुभकामनाएं भी दे दी ।
इतना ही नहीं, इसके बाद फिर जयशंकर ने अपने X हैंडल पर भी एक पोस्ट साझा कर दी और उसमें लिखा कि आज सुबह बीजिंग में अपने साथी SCO विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं पहुंचाईं। राष्ट्रपति शी को हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हाल ही में हुए विकास से अवगत कराया। जयशंकर के इस पोस्ट के बाद राहुल गांधी बुरी तरह भड़क गए
विदेश मंत्री पूरी तरह से सर्कस चला रहे
राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि मुझे लगता है कि चीनी विदेश मंत्री आएंगे और मोदी को चीन-भारत संबंधों में हाल के घटनाक्रमों से अवगत कराएंगे। विदेश मंत्री अब भारत की विदेश नीति को नष्ट करने के उद्देश्य से एक पूरी सर्कस चला रहे हैं।
भारत और चीन के बीच इन मुद्दों पर हुई बात
बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बीजिंग में व्यस्त राजनयिक कार्यक्रम था। सोमवार को उन्होंने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक रोडमैप पर चर्चा की। आपसी सम्मान और दीर्घकालिक सोच के महत्व पर जोर देते हुए, जयशंकर ने कहा कि आज शाम बीजिंग में पोलित ब्यूरो सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी के साथ विस्तृत बातचीत हुई। द्विपक्षीय संबंधों के लिए दूरदर्शी दृष्टिकोण और एक स्थिर एवं रचनात्मक संबंध बनाने की आवश्यकता पर बात की।
भारत की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने आगे कहा कि सीमा से जुड़े पहलुओं पर ध्यान देना, लोगों के बीच आदान-प्रदान को सामान्य बनाना और प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों व बाधाओं से बचना हमारी जिम्मेदारी है। मुझे विश्वास है कि आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता की नींव पर, संबंध सकारात्मक दिशा में विकसित हो सकते हैं। जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों में स्पष्ट सुधार का उल्लेख किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उनकी यात्रा के दौरान होने वाली बातचीत संबंधों को आगे बढ़ाएगी। जयशंकर ने चीन की एससीओ अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की।
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