वैशाख पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का भी विशेष रूप से महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि बैशाख पूर्णिमा पर व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान के साथ करने के बाद रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं कि बैशाख पूर्णिमा की सही डेट और महत्व। बैशाख पूर्णिमा की सही डेटकई लोग बैशाख पूर्णिमा की डेट को लेकर कंफ्यूज हैं कि बैशाख पूर्णिमा का व्रत कब रखें। हिंदू पंचांग के अनुसार बैशाख पूर्णिमा की शुरुआत 11 मई की शाम 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होगी और समाप्त 12 मई रात 11 बजकर 26 मिनट पर होगी। इस तरह उदया तिथि के अनुसार बैशाख पूर्णिमा का व्रत 12 मई को रखा जाएगा। बैशाख पूर्णिमा का महत्वपौराणिक कहानियों में बैशाख पूर्णिमा का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन स्नान-दान का विशेष रूप से महत्व है। बैशाख पूर्णिमा पर महात्मा बुद्ध का भी जन्म हुआ था इसलिए इस बैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि बैशाख पूर्णिमा के दिन दान करने से पुण्य कई गुना बढ़कर मिलता है। बैशाख पूर्णिमा पर विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। बैशाख पूर्णिमा पूजा विधिबैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान के साथ करें। बैशाख पूर्णिमा ही नहीं प्रत्येक पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती है। आप भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ इस दिन जल, अन्न, फल, मटका आदि चीजें किसी जरुरतमंद को दान में देनी चाहिए।
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